इन नदियों ने लिया रौद्र रूप…
हालांकि, इसके बाद धीरे-धीरे जलस्तर में कमी आई. लेकिन, इस बीच एक बार फिर शाम में डिस्चार्ज एक लाख छह हजार क्यूसेक दर्ज किया गया. जिसके बाद खतरा मंडराने लगा. इधर, किशनगंज की बात करें तो, लगातार रुक-रुककर बारिश हो रही है. जिसके कारण रतवा और कनकई नदियों के जलस्तर में वृद्धि हो रही है. इसके अलावा रतवा नदी किनारे स्थित पुराना टेढ़ागाछ, रामपुर, धापरटोला, सुहिया और कनकई नदी नदियां भी डराने लगी है. इससे कई गांव के लोग प्रभावित हो सकते हैं. इसके साथ ही अररिया की बात करें तो, यहां बकरा नदी भयावह रूप धारण कर रही है. जिले में पड़रिया घाट पर बना चचरी पुल टूट गया.
आपदा प्रबंधन ने किया अलर्ट
पड़रिया घाट पर बने चचरी पुल के टूटने के कारण अब लोगों के पास आवागमन के लिए एकमात्र सहारा नाव रह गया है. बता दें कि, सिर्फ कोसी-सीमांचल इलाके में ही नदियों का जलस्तर नहीं बढ़ रहा बल्कि कई अन्य जिलों में भी नदियों की ऐसी ही स्थिती देखी जा रही है. गयाजी में फल्गु नदी उफान पर है. कई गांवों में पानी घुस गया है. इधर, डोभी में एक पुल में दरार आ गई. कुल मिलाकर देखा जाए तो, झमाझम बारिश अब परेशानी बनती जा रही है. हालांकि, ऐसी स्थिती में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में आपदा प्रबंधन की ओर से अधिकारियों को अलर्ट रहने का आदेश दिया गया है.
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