प्रशासन ने फौरन इलाके को खाली कराकर पर्यटकों की आवाजाही पर रोक लगा दी है. साथ ही कुंड और आसपास के इलाकों में बैरिकेडिंग कर दी गई है और पुलिस बल की तैनाती भी की गई है. बताया जा रहा है कि अगर बारिश जारी रही तो प्रतिबंध की अवधि को आगे भी बढ़ाया जा सकता है.
झारखंड की बारिश बनी खतरे की वजह
नवादा प्रशासन के मुताबिक, झारखंड के पहाड़ी इलाकों में हुई मूसलधार बारिश का सीधा असर ककोलत फॉल पर पड़ा है. अचानक तीन बार जलस्तर में भारी उछाल आया. पानी का प्रवाह इतना तीव्र था कि पर्यटकों और स्थानीय लोगों की सुरक्षा के मद्देनज़र पूरे इलाके को खाली कराना पड़ा. प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि फिलहाल फॉल के पास न जाएं और किसी भी स्थिति में सुरक्षा निर्देशों की अनदेखी न करें.
स्थानीय लोग भी हैरान, वर्षों बाद दिखी ऐसी स्थिति
स्थानीय लोगों के अनुसार, ककोलत फॉल में इस तरह की बाढ़ जैसी स्थिति वर्षों बाद देखने को मिली है. आमतौर पर यह जलप्रपात गर्मियों में सैलानियों से भरा रहता है, लेकिन इस बार मानसून की दस्तक ने वहां खतरे की घंटी बजा दी है. राज्य आपदा प्रबंधन विभाग पूरी स्थिति पर नजर बनाए हुए है और आसपास के गांवों में अलर्ट जारी कर दिया गया है.
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