हालांकि किशनगंज में गुरुवार शाम तेज हवा और हल्की बारिश ने थोड़ी राहत जरूर दी, पर राजधानी पटना समेत अन्य जिलों में तेज धूप और चिपचिपी उमस ने लोगों को बेहाल कर दिया.
मानसून की एंट्री पर लग रही ब्रेक
बिहार में मानसून की दस्तक पर फिलहाल विराम लग गया है. पटना मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक, मानसून पिछले छह दिनों से पश्चिम बंगाल में ही अटका हुआ है. इसकी वजह पश्चिम से आने वाली पछुआ हवाओं का प्रबल हो जाना है, जो मानसूनी पूर्वा हवाओं को आगे बढ़ने से रोक रही हैं.
वैज्ञानिकों का कहना है कि जब तक बंगाल की खाड़ी से नमी युक्त हवाएं सक्रिय नहीं होंगी, तब तक मानसून के बिहार में प्रवेश की संभावना कम है.
तापमान ने बढ़ाई बेचैनी
बीते 24 घंटे में छपरा सबसे गर्म जिला रहा, जहां अधिकतम तापमान 37.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. दरभंगा 37.2 डिग्री और पटना 36.1 डिग्री सेल्सियस तापमान के साथ पीछे रहे.
खेती पर मंडरा रहा खतरा
मानसून की देरी से राज्य के किसान चिंतित हैं. धान की बुआई का समय शुरू हो चुका है, लेकिन बारिश न होने से खेतों की तैयारी प्रभावित हो रही है. विशेषज्ञों का मानना है कि यदि जल्द मानसून नहीं पहुंचा, तो खेती-किसानी पर सीधा असर पड़ सकता है.
फिलहाल इंतजार ही सहारा
अगले कुछ दिनों तक गर्मी और उमस से राहत की उम्मीद नहीं है. मौसम विभाग की नजर हवाओं की दिशा पर टिकी है. पूर्वा हवाएं जैसे ही मजबूत होंगी, राज्य में मानसून की आमद संभव हो सकेगी. तब तक, बिहारवासियों को गर्म मौसम और सूखे आसमान के बीच इंतजार करना होगा.
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