महिला खिलाड़ियों के लिए भी अलग पॉलिसी
महिला खिलाड़ियों की सेहत और खेल में निरंतरता को ध्यान में रखते हुए, बिहार में एक क्रांतिकारी कदम उठाया जा रहा है. राज्य में जल्द ही महिला खिलाड़ियों के लिए मेंस्ट्रूअल हेल्थ पॉलिसी लाई जाएगी. रविंद्रन शंकरण ने बताया कि एक वर्ष के सर्वे में यह सामने आया कि 75% महिला खिलाड़ी पीरियड्स के समय खेल छोड़ देती हैं. इसका कारण ब्लीडिंग, स्टेन की परेशानी और सामाजिक शर्म है. इसलिए सरकार ने फीमेल हेल्थ अवेयरनेस सेंटर खोलने और मेंस्ट्रूअल हेल्थ पॉलिसी लागू करने का निर्णय लिया है. यह पॉलिसी अभी ड्राफ्टिंग स्टेज में है और जल्द ही कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद लागू की जाएगी.
खिलाड़ियों को मिल रही निरंतर नौकरी
बिहार सरकार की इस नीति के तहत अब तक 342 खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी दी जा चुकी है. 2010 से 2020 तक के आंकड़े देखें तो 271 खिलाड़ियों को लिपिक स्तर की नौकरियां दी गईं. यह नीति युवाओं को खेल के प्रति प्रोत्साहित कर रही है.
SDO और DSP तक बनने का अवसर
बिहार सरकार ने 2023 में ‘बिहार उत्कृष्ट खिलाड़ियों की सीधी नियुक्ति नियमावली 2023’ लागू की है. इसके तहत राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को बिना किसी परीक्षा के सरकारी नौकरी मिलती है. 2023-24 में 71 खिलाड़ियों को नौकरी मिली, जिसमें 21 खिलाड़ी सब-इंस्पेक्टर बने. इस नीति के अनुसार खिलाड़ियों को अच्छा प्रदर्शन करने पर SDO और DSP जैसे उच्च पदों तक पहुंचने का अवसर मिलेगा.
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