कालाजॉर के बाद अब मलेरिया उन्मूलन की ओर बढ़ा बिहार, पांच वर्षों की तुलना में मिले कम मरीज
Bihar News: इस वर्ष राज्यभर में मलेरिया के कुल 185 नये मरीज मई 2024 तक पाये गये हैं. इतना ही नहीं मलेरिया के खतरनाक किस्म जिसे पीएफ मलेरिया कहा जाता है उसकी भी संख्या कम हुई है.
By Ashish Jha | August 17, 2024 9:44 AM
Bihar News: पटना. कालाजॉर के बाद अब बिहार मलेरिया उन्मूलन की दिशा में आगे बढ़ चल रहा है. पिछले पांच वर्षों की तुलना में इस वर्ष मलेरिया के मरीजों की संख्या सबसे कम पायी गयी है. इस वर्ष राज्यभर में मलेरिया के कुल 185 नये मरीज मई 2024 तक पाये गये हैं. इतना ही नहीं मलेरिया के खतरनाक किस्म जिसे पीएफ मलेरिया कहा जाता है उसकी भी संख्या कम हुई है. इसके साथ ही इस वर्ष बिहार के सीवान, सीतामढ़ी, सहरसा, पूर्णिया, पटना, पश्चिम चंपारण, लखीसराय, खगड़िया, कटिहार और अररिया जिलों में मलेरिया के मरीजों की संख्या में गिरावट दर्ज की गयी है. साथ ही इस दौरान एक भी मलेरिया मरीज की मौत नहीं हुई है.
नेशनल सेंटर फॉर वेक्टर बॉर्न डिजिज कंट्रोल (एनसीवीबीडीसी) के आंकड़ों के अनुसार बिहार में अभी मलेरिया के सबसे अधिक जोखिम वाले जिलों में नवादा और गया शामिल हैं. इसके अलावा औरंगाबाद, भागलपुर, जमुई, कैमूर, मुंगेर, मुजफ्फरपुर और रोहतास जिलों में मलेरिया के अधिक केस पाये जाय रहे हैं. मलेरिया को लेकर वर्ष 2020 और उसके बाद जो मलेरिया के मरीज पाये गये है उनकी संख्या हमेशा 500 से अधिक रही है. वर्ष 2020 में राज्य में मलेरिया के 518 मरीज पाये गये थे जिसमें जोखिम वाले (पीएफ) मरी 272 थी, जबकि वर्ष 2021 में राज्य में मलेरिया के 647 मरीज मिले जिसमें पीएफ केस की संख्या 154 थी.
कितने ब्लड साइलड का हुआ परीक्षण
आंकड़ों पर अगर गौर करें तो वर्ष 2022 में राज्य में मलेरिया के 578 मरीज पाये गये, जिसमें पीएफ केस की स्ख्या 208 थी, जबकि वर्ष 2023 में मलेरिया के कुल 1257 मरीज पाये गये थे.. उनमें पीएफ केस 519 थी. इस वर्ष मई तर राज्य में सिर्फ 185 मलेरिया के मरीज पाये गये हैं जिसमें पीएफ केस 57 है. पिछले पांच वर्षों में सबसे अधिक तीन लाख चार हजार 635 ब्लड स्लाइड परीक्षण वर्ष 2021 में किया गया था. वर्ष 2024 में अभी तक कुल 69996 ब्लड साइलड का परीक्षण किया गया है.
बिहार में कब हुआ कालाजॉर उन्मूलन
बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि राज्य सरकार स्वास्थ्य सूचकांकों में सुधार के साथ-साथ जानलेवा रोगों के उन्मूलन की दिशा में सतत प्रयत्नशील है. बिहार सरकार ने वर्ष 2022 में ही कालाजॉर उन्मूलन के लक्ष्य को हासिल कर इसे चरितार्थ भी किया है. कालाजॉर उन्मूलन की स्थिति को बरक़रार रखने के लिए प्रतिवेदित कालाजार मरीजों के फॉलो-अप की अहम भूमिका होती है. इस दिशा में राज्य के सारण जिले में प्रभावी तरीके से पांच सालों में प्रतिवेदित कालाजार मरीजों का फॉलो-अप किया गया है तथा इसे एक बेहतर मानक बनाते हुए प्रदेश में पांच सालों में प्रतिवेदित कालाजार मरीजों के प्रभावी फॉलो-अप करने के निर्देश दिए गए हैं.
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