टूरिज्म और स्वरोजगार को मिलेगा बढ़ावा
अब पैक्स समितियां अपने क्षेत्रों में होम स्टे सुविधा, टूर पैकेजिंग, ट्रैवल गाइड सेवा और हैंडीक्राफ्ट उत्पादों के विकास में भी भूमिका निभाएंगी. जरूरत पड़ी तो नई सहकारी समितियों का गठन कर इन गतिविधियों को और व्यापक किया जाएगा. यह मॉडल पर्यटन विभाग की योजनाओं के साथ समन्वय स्थापित कर पैक्स को भी सीधे लाभ पहुंचाएगा. इससे न केवल पर्यटक आकर्षित होंगे, बल्कि स्थानीय स्तर पर स्वरोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे.
मखाना किसानों को मिलेगी आर्थिक मदद
सहकारिता विभाग ने मखाना उत्पादन से जुड़े किसानों और समितियों पर भी विशेष ध्यान केंद्रित किया है. अब इन किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) के तहत ₹5 लाख तक ऋण देने की योजना बनाई गई है. मखाना उत्पादन में शुरुआती पूंजी की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों को निर्देश दिया गया है कि वे इन किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान करें. साथ ही, सहकारी विपणन तंत्र को मजबूत कर बिचौलियों की भूमिका को खत्म करने की दिशा में काम किया जाएगा.
प्रोसेसिंग और ब्रांडिंग की भी योजना
सरकार की योजना है कि सहकारी समितियों को मखाना आधारित प्रोसेसिंग यूनिट, पैकेजिंग सेंटर और ब्रांडिंग के लिए सक्षम बनाया जाए. इससे किसानों को अपने उत्पादों का बेहतर दाम मिलेगा और उन्हें बाहरी बाजारों तक सीधा पहुंच प्राप्त होगी. साथ ही, स्थानीय उत्पादों के मार्केटिंग की सुविधा बढ़ेगी और किसान अपनी उपज का वाजिब मूल्य पा सकेंगे.
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