Bihar News: बिहार में अब राम और सीता ने दिया आवास प्रमाण पत्र का आवेदन, खगड़िया प्रशासन ने लिया तुरंत एक्शन

Bihar News: यह मामला आवास प्रमाण पत्र के दुरुपयोग और सरकारी दस्तावेजों में फर्जीवाड़े की आशंका को बढ़ाता है. ऐसे प्रयासों को रोकने के लिए प्रशासन ने सख्त निर्देश जारी कर सभी संबंधित अधिकारियों को जांच और सत्यापन प्रक्रिया कड़ाई से करने को कहा है.

By Ashish Jha | August 3, 2025 8:56 AM
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Bihar News: पटना. बिहार में आवास प्रमाण पत्र बनाने को लेकर एक अनोखा मामला सामने आया है. खगड़िया जिले में आरटीपीएस (राज्य पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन) के जरिए ये अजीबोगरीब नाम दर्ज कराने का सिलसिला जारी है. यहां भगवान श्री राम और सीता के नाम से भी निवास प्रमाण पत्र के लिए आवेदन आ रहे हैं. इससे पहले डॉग बाबू, डोगेश और ट्रैक्टर जैसे नामों से आवेदन आ चुके हैं. यहां तक कि कौआ के नाम से भी निवास प्रमाण पत्र के लिए आवेदन कर रहे हैं. जिला प्रशासन ने कहा है कि ऐसे मामलों की जांच जारी रहेगी और जो भी फर्जीवाड़ा करने वाला मिलेगा, उसके खिलाफ कड़ी से कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

चित्रगुप्तनगर थाना क्षेत्र का मामला

खगड़िया जिले के चौथम, गोगरी और चित्रगुप्तनगर थाना क्षेत्र में ऐसा आवेदन मिले हैं, जिनमें आवेदक ने स्वयं का नाम भगवान श्री राम और सीता दर्ज कराया हैं. जब यह मामला जिला प्रशासन के संज्ञान में आया तो तुरंत कार्रवाई की गई. संबंधित आवेदनों को अस्वीकृत कर संबंधित थानों में अज्ञात के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराई गई है. कहा जा रहा है कि अगर प्रशासन के संज्ञान में नहीं आता तो डॉग बाबू की तरह ही भगवान राम का भी आवासीय प्रमाणपत्र निर्गत हो जाता. जिला प्रशासन अब ऐसे मामलों पर और सख्त कार्रवाई करने की तैयारी कर रहा है.

अज्ञात लोगों पर मामला दर्ज

सदर आरओ शंभु कुमार ने बताया कि 12 दिसंबर, 2024 को एक आवेदन में ‘कौआ’ नाम दर्ज किया गया था, जिसके आधार पर 1 अगस्त 2025 को चित्रगुप्तनगर थाने में कांड संख्या 82/2025 के तहत मामला दर्ज किया गया है. यह कार्रवाई जिले में आवास प्रमाण पत्र प्रणाली में गड़बड़ी और गलत सूचना देने वालों पर कड़ी निगरानी के तहत की गई है. इससे पहले भी बिहार में डॉग बाबू, डोगेश और ट्रैक्टर जैसे असामान्य नामों से आवास प्रमाण पत्र बनाने के आवेदन खूब चर्चा में आए थे. उन्होंने कहा कि ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया में और भी सख्ती लाने की तैयारी की जा रही है, ताकि सरकारी दस्तावेजों की विश्वसनीयता बनी रहे.

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