Bihar: बिहार में अब सड़क खुदाई के नाम पर सरकारी विभागों की मनमानी पर लगाम कसने की तैयारी पूरी हो चुकी है. दूरसंचार नेटवर्क और भूमिगत केबल सिस्टम को लगातार हो रहे नुकसान को देखते हुए केंद्र सरकार के दूरसंचार विभाग ने बड़ा फैसला लिया है. अब किसी भी सरकारी विभाग या एजेंसी ने अगर खुदाई से पहले डिजिटल सूचना नहीं दी, तो उसपर 50 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है. इतना ही नहीं, उसे नुकसान का पूरा मुआवजा भी भरना होगा.
बिहार में लापरवाही का आलम हर साल सैकड़ों खुदाइयां बिना सूचना
दूरसंचार विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक, बीते एक साल में बिहार में 1358 बार अलग-अलग स्थानों पर खुदाई हुई. लेकिन हैरान कर देने वाली बात यह है कि इनमें से 220 खुदाइयों की सूचना “सीबीयूडी” ऐप पर नहीं दी गई थी. इसका सीधा मतलब है कि इन मामलों में बिना कोई डिजिटल सूचना दिए ही जमीन खोदी गई, जिससे सरकार के करोड़ों के केबल नेटवर्क, पाइपलाइन और अन्य बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचा.
सीबीयूडी’ ऐप: बिना अनुमति खुदाई पर अब डिजिटल पहरा
दूरसंचार मंत्रालय ने ‘Call Before You Dig (CBUD)’ यानी सीबीयूडी ऐप की मदद से एक डिजिटल व्यवस्था खड़ी की है, जिससे खुदाई करने से पहले ऑनलाइन अनुमति लेनी होगी. इस ऐप पर खुदाई की जगह, तारीख, समय, सड़क की लंबाई और गहराई जैसी सभी जानकारियां दर्ज करनी होती हैं. इससे संबंधित विभागों को अलर्ट मिल जाता है और वे बता सकते हैं कि वहां केबल या पाइपलाइन मौजूद है या नहीं.
सीबीयूडी ऐप को बिहार सरकार के सहयोग से लागू किया गया है और वर्तमान में इस पर 3984 विभाग व 1302 एजेंसियां पंजीकृत हैं.
इन विंहगों को भेजा गया नोटिस: बड़े नाम शामिल
- ऊर्जा विभाग – जिसमें दक्षिण और उत्तर बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियां शामिल हैं
- शहरी विकास विभाग – इसके तहत पटना सहित विभिन्न नगर निगम
- बिहार राज्य पथ विकास निगम लिमिटेड
- नमामि गंगे परियोजना
- भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI)
इन सभी को स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि खुदाई से पहले सीबीयूडी ऐप पर पंजीकरण और सूचना देना अनिवार्य है.
पटना मेट्रो जैसे प्रोजेक्ट भी नहीं जुड़े सिस्टम से
चौंकाने वाली बात यह है कि पटना मेट्रो रेल निगम जैसे बड़े और आधुनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट ने भी अभी तक सीबीयूडी ऐप पर खुद को पंजीकृत नहीं किया है. दूरसंचार विभाग के उपमहानिदेशक दिलीप कुमार ने कहा कि यह गंभीर लापरवाही है, क्योंकि मेट्रो प्रोजेक्ट जैसी परियोजनाएं बड़ी गहराई में खुदाई करती हैं और उनसे नेटवर्क को भारी नुकसान हो सकता है.
खुदाई की नई व्यवस्था: डिजिटल समन्वय का मॉडल
सीबीयूडी ऐप सिर्फ एक सूचना प्रणाली नहीं है, बल्कि यह खुदाई करने वालों और भूमिगत सिस्टम संचालित करने वाले विभागों के बीच समन्वय का डिजिटल मॉडल बनता जा रहा है. जब कोई एजेंसी खुदाई के लिए सूचना दर्ज करती है, तो संबंधित विभाग – जैसे बिजली, जल, टेलीकॉम, गैस आदि – तुरंत अलर्ट हो जाते हैं. इससे किसी भी नेटवर्क को नुकसान पहुंचाने से बचा जा सकता है.
दूरसंचार अधिनियम 2023 में स्पष्ट है नियम
दूरसंचार अधिनियम 2023 के खंड 42(5) के अनुसार, यदि खुदाई से दूरसंचार नेटवर्क को नुकसान होता है, तो जिम्मेदार एजेंसी को न केवल मुआवजा देना होगा. इस अधिनियम को आधार बनाकर ही अब विभागों पर शिकंजा कसा जा रहा है.
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