संवाददाता, पटना शहर में ग्रीन कारपेट से घेराबंदी कर हो रहे भवन निर्माण की पटना नगर निगम जांच करेगी. इसके लिए जांच टीम का गठन कर लिया गया है. नगर निगम को यह जानकारी प्राप्त हुई है कि बिल्डिंग बाय लॉज का उल्लंघन करने के लिए ग्रीम कारपेट से घेराबंदी कर निर्माण कराया जाता है. हाल के दिनों में ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जहां बाहर से निर्माण स्थल को इस तरह ढक दिया गया कि अंदर क्या हो रहा है, इसका अंदाजा तक नहीं लग पाया. इसका ताजा उदाहरण बोरिंग रोड की मल्टी स्टोरी बिल्डिंग है, जहां बेसमेंट निर्माण के कारण बगल के पुराने मकान की नींव क्षतिग्रस्त हो गई, जबकि आसपास के लोगों को भनक तक नहीं लगी. अब निगम ऐसे मामलों को गंभीरता से लेते हुए नियमों के उल्लंघन पर कार्रवाई की तैयारी में है. नियमों की अनदेखी पर होगी त्वरित कार्रवाई : नगर निगम को लगातार यह सूचना मिल रही है कि कई मकान बिल्डिंग बायलॉज के प्रावधानों को ताक पर रखकर बनाए जा रहे हैं. कई भवन बिना नक्शा स्वीकृत कराए बनाए जा चुके हैं, जिससे आसपास के लोगों को हवा, रोशनी और स्थान की कमी का सामना करना पड़ रहा है. अब निगम ऐसे सभी निर्माण स्थलों की पहचान कर विशेष निरीक्षण अभियान चलाएगा. इसके लिए नगर निगम की शहरी योजना शाखा ने छह अंचलों के लिए अलग-अलग टीमों का गठन कर दिया है. एक हजार घरों पर चल रहा निगरानी वाद : निगम के नगर आयुक्त अनिमेष पराशर ने बताया कि बिल्डिंग बाय लॉज के नियमों का उल्लंघन करने वाले करीब 1000 घरों पर निगरानी वाद चल रहा है. इसलिए, विशेष विंग का गठन किया गया है. यह विंग वैसे घरों के खिलाफ जांच और कार्रवाई करेगी, जो बिल्डिंग बाय लॉज के नियमों का उल्लंघन करके बनाया गया हो. खासकर ग्रीन कारपेट से ढ़ककर निर्माण करने वाले मकानों पर अब नगर निगम की विशेष नजर रहेगी.
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