व्यापारियों के लिए यह कदम काफी फायदेमंद
ओवरब्रिज की चौड़ाई करीब 7.5 मीटर तय की गई है और इसे दो लेन का बनाया जाएगा. इससे न केवल यातायात सुगम होगा, बल्कि बाजार आने-जाने वालों को भी राहत मिलेगी. नेपाल से आने वाले ग्राहकों और जयनगर के स्थानीय व्यापारियों के लिए यह कदम काफी फायदेमंद माना जा रहा है.
व्यापार पर पड़ेगा असर
ब्रिज निर्माण से व्यापारियों को उनकी व्यवस्था मंदी पड़ने की चिंता सता रही है. वहीं कैट के वरिष्ठ पदाधिकारी रंजीत गुप्ता और मिथिलांचल चैंबर ऑफ कॉमर्स के महासचिव शंभु गुप्ता का मानना है कि जयनगर का शहरी क्षेत्र सीमित है. ऐसे में अगर ओवरब्रिज का निर्माण मौजूदा बाजार इलाके में होता है, तो इसका सीधा असर व्यापारिक गतिविधियों पर पड़ सकता है.
अफसरों का क्या कहना है?
दोनों पदाधिकारियों का कहना है कि शहरी क्षेत्र का दायरा पहले से ही सीमित है. ऐसे में बिना समुचित योजना और विचार-विमर्श के अगर ओवरब्रिज निर्माण शुरू होता है, तो इससे व्यापारिक गतिविधियों पर नकारात्मक असर पड़ सकता है. उन्होंने मांग की है कि पुल निर्माण से पहले विभागीय अधिकारियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, बुद्धिजीवियों और व्यवसायियों के साथ एक साझा बैठक होनी चाहिए, ताकि सभी पक्षों की राय लेकर बेहतर निर्णय लिया जा सके.
(जयश्री आनंद की रिपोर्ट)
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