Bihar Land Survey: जमीन सर्वे को लेकर CM नीतीश कुमार ने बुलायी बैठक, क्या रैयतों को मिलेगी राहत?
बिहार सरकार ने भूमि सर्वेक्षण अभियान की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य 2025 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले इसे पूर्ण करना है. हालांकि, प्रारंभिक चरण में इस प्रक्रिया को लेकर रैयतों में कई प्रकार के भ्रम और चिंता उत्पन्न हो रही है. भूमि सर्वे को लेकर CM नीतीश कुमार ने आज भूमि सर्वेक्षण को लेकर बैठक की है.
By Anshuman Parashar | September 28, 2024 8:07 PM
Bihar Land Survey: बिहार सरकार ने भूमि सर्वेक्षण अभियान की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य 2025 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले इसे पूर्ण करना है. हालांकि, प्रारंभिक चरण में इस प्रक्रिया को लेकर रैयतों में कई प्रकार के भ्रम और चिंता उत्पन्न हो रही है. भूमि सर्वे को लेकर CM नीतीश कुमार ने आज भूमि सर्वेक्षण को लेकर बैठक की है. इस बैठक में उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव और राजस्व मंत्री दिलीप जायसवाल शामिल हुए. इस बैठक का उद्देश्य सर्वेक्षण की प्रक्रिया की समीक्षा करना और रैयतों की समस्याओं पर चर्चा करना था.
CM नीतीश कुमार ने बैठक बुलाई
सरकार ने रैयतों को अपने भूमि कागजात तैयार करने के लिए तीन महीने का अतिरिक्त समय देने का निर्णय लिया है। यह कदम उन चुनौतियों को देखते हुए उठाया गया है, जिनका सामना लोग दस्तावेज़ जुटाने में कर रहे हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस मुद्दे पर उच्च स्तरीय बैठक बुलाई, जिसमें उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव और राजस्व मंत्री दिलीप जायसवाल शामिल हुए। इस बैठक का उद्देश्य सर्वेक्षण की प्रक्रिया की समीक्षा करना और रैयतों की समस्याओं पर चर्चा करना था।
राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री ने क्या बताया
राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री दिलीप जायसवाल ने मीडिया को बताया कि भूमि सर्वेक्षण का कार्य बंद नहीं हुआ है और सरकार इसे जल्द से जल्द पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि दस्तावेज़ों की तैयारी में किसी प्रकार की अड़चन न आए, इसके लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं. सरकार ने रैयतों के हितों को ध्यान में रखते हुए विभिन्न उपायों पर विचार करने का आश्वासन दिया है.
सरकार के इस सकारात्मक कदम से रैयतों में उम्मीद जगाई है कि उनके अधिकारों की सुरक्षा होगी और भूमि विवादों का समाधान संभव होगा. यह पहल न केवल रैयतों के लिए फायदेमंद साबित होगी, बल्कि राज्य के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी.
भविष्य में, यदि यह सर्वेक्षण सफलतापूर्वक संपन्न होता है, तो यह बिहार की भूमि प्रशासन प्रणाली को सफलतापूर्वक करने में मदद करेगा और रैयतों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने में महत्वपूर्ण योगदान देगा। इस प्रकार, भूमि सर्वेक्षण का यह अभियान एक सकारात्मक दिशा में बढ़ते हुए राज्य के विकास का प्रतीक बन सकता है.
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