बेतिया महाराज की 15 हजार एकड़ जमीन का अधिग्रहण करेगी बिहार सरकार, विधानसभा में आएगा बिल
Court of Wards: अंतिम सरकार-ए-चंपारण चंपारण बेतिया नरेश राजा हरेंद्र किशोर सिंह की 26 मार्च 1893 को मृत्यु हो गई थी. उनका कोई उत्तराधिकारी नहीं था. महारानी जानकी कुंवर संपत्ति का प्रबंधन करने में सक्षम नहीं थीं, इसलिए इसका प्रबंधन आज तक ‘कोर्ट ऑफ वार्ड्स’ द्वारा किया जा रहा है.
By Ashish Jha | November 3, 2024 9:28 AM
Court of Wards : पटना. उत्तराधिकारी संकट के कारण सरकार-ए-चंपारण (बेतिया राज) की संपत्ति करीब सौ वर्षों से ‘कोर्ट ऑफ वार्ड्स’ के अधीन है. बिहार सरकार की नजर अब बेतिया राज की संपत्ति पर है. जमींदारी कानून में बदलाव के करीब 70 साल बाद बिहार की तीसरी सबसे बड़ी जमींदारी में शामिल बेतिया राज की 15 हजार एकड़ जमीन का बिहार सरकार अधिग्रहण करेगी. इस सप्पति का मूल्य करीब 7,960 करोड़ है. बेतिया राज की इस जमीन के बड़े हिस्से पर वर्षों से अवैध लोगों का कब्जा है. सरकार अब इस भूमि को अपने कब्जे में लेने पर विचार कर रही है. ‘कोर्ट ऑफ वार्ड्स’ के कार्यालय के अनुसार, सरकार-ए-चंपारण की भू-संपत्ति का मूल्य 7,957.38 करोड़ रुपये है. कुल 15,358.60 एकड़ भूमि में से 15,215.33 एकड़ बिहार में और 143.26 एकड़ उत्तर प्रदेश में है. बिहार सरकार राज्य में भूमि रिकॉर्ड को अद्यतन करने के लिए विशेष भूमि सर्वेक्षण कर रही है.
1896 से लगा है ‘कोर्ट ऑफ वार्ड्स’
अंतिम सरकार-ए-चंपारण चंपारण बेतिया नरेश राजा हरेंद्र किशोर सिंह की 26 मार्च 1893 को मृत्यु हो गई थी. उनका कोई उत्तराधिकारी नहीं था. राजा हरेंद्र किशोर सिंह की दो पत्नियां- महारानी शिव रत्ना कुंवर और महारानी जानकी कुंवर थीं. उनकी पहली पत्नी शिव रत्ना कुंवर की मृत्यु 1896 में हो गई. कथित तौर पर यह पाया गया कि महारानी जानकी कुंवर संपत्ति का प्रबंधन करने में सक्षम नहीं थीं, इसलिए इसका प्रबंधन ‘कोर्ट ऑफ वार्ड्स’ द्वारा किया गया. महारानी जानकी कुंवर की मृत्यु 1954 में हो गई. पूर्वी और पश्चिमी चंपारण जिलों के अलावा, सरकार ए चंपारण की सीमा बिहार के गोपालगंज, सीवान तक फैली थी. उनकी संपत्ति पटना और सारण जिलों में भी है. ‘कोर्ट ऑफ वार्ड्स’ कंपनी सरकार का एक ऐसा कानून है जिसके विरोध में झांसी की रानी लक्ष्मी बाई ने 1857 का एतिहासिक युद्ध लड़ा था.
विधानमंडल में लाया जायेगा विधेयक
बिहार सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि सरकार ‘कोर्ट ऑफ वार्ड्स’ के अधीन संपत्ति के अधिग्रहण पर कानूनी राय ले रही है. कानून में अगर बदलाव की जरुरत हुई तो इसके लिए विधानसभा के शीतकालीन सत्र में बिल लाया जायेगा. वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह कवायद लगभग 15,358 एकड़ भूमि के प्रभावी सुरक्षा एवं प्रबंधन सुनिश्चित करने के लिए की जा रही है. इसमें से ज्यादातर जमीन बिहार के पूर्वी और पश्चिमी चंपारण जिलों तथा उत्तर प्रदेश में है. वर्तमान में इस संपत्ति का प्रबंधन ‘कोर्ट ऑफ वार्ड्स’ द्वारा किया जाता है. अधिकारी ने कहा, ‘‘विधेयक पारित हो जाने के बाद, पूरी संपत्ति राज्य के राजस्व और भूमि सुधार विभाग के पास आ जाएगी. बिहार सरकार ने अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया पहले ही शुरू कर दी है. इसे और तेज किया जाएगा.’’
पिछले साल 13 दिसंबर तक राजस्व बोर्ड द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार, पश्चिमी चंपारण जिले में ‘बेतिया राज’ की कुल भूमि में से 6,505 एकड़ (लगभग 66 प्रतिशत) पर अतिक्रमण पाया गया है. दूसरी ओर, पूर्वी चंपारण में 3,219 एकड़ या लगभग 60 प्रतिशत भूमि पर अतिक्रमण हुआ है. राजस्व बोर्ड के अध्यक्ष-सह-सदस्य केके पाठक ने पश्चिम चंपारण में एक भूखंड से जुड़े मामले के संबंध में अक्टूबर में दिए आदेश में कहा था, ‘‘राज्य सरकार बेतिया राज की संपूर्ण संपदा को अपने कब्जे में लेने पर विचार कर रही है और (इस संबंध में) एक विधेयक दिसंबर 2024 में, विधानमंडल के अगले सत्र में पेश किए जाने की संभावना है.’’
यहां पटना न्यूज़ (Patna News) , पटना हिंदी समाचार (Patna News in Hindi), ताज़ा पटना समाचार (Latest Patna Samachar), पटना पॉलिटिक्स न्यूज़ (Patna Politics News), पटना एजुकेशन न्यूज़ (Patna Education News), पटना मौसम न्यूज़ (Patna Weather News) और पटना क्षेत्र की हर छोटी और बड़ी खबर पढ़े सिर्फ प्रभात खबर पर.