Bihar Teacher: बिहार के बांका जिले की साइबर पुलिस ने एक बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए एक संगठित साइबर गैंग का भंडाफोड़ किया है. यह गैंग खुद को जिला शिक्षा पदाधिकारी (D.E.O) बताकर शिक्षकों से जुड़ी सरकारी जानकारी और संसाधनों का दुरुपयोग कर रहा था. गिरफ्तार किए गए चारों आरोपी मोबाइल नंबर पोर्टिंग के ज़रिए ठगी की घटनाओं को अंजाम देते थे.
मामले की शुरुआत अमरपुर प्रखंड के मध्य विद्यालय, लौसा के प्रधानाध्यापक संजीव कुमार तिवारी की शिकायत से हुई. उन्होंने बताया कि कोई अज्ञात व्यक्ति D.E.O बनकर उनके सरकारी मोबाइल नंबर और ई-शिक्षा कोष से संबंधित विवरण का गलत इस्तेमाल कर रहा है.
तीन जिलों में चली पुलिस की सघन छापेमारी
बांका एसपी उपेंद्रनाथ वर्मा के निर्देश पर साइबर थाना अध्यक्ष अनुपेश नारायण के नेतृत्व में एक विशेष टीम बनाई गई. वैज्ञानिक अनुसंधान और तकनीकी विश्लेषण के आधार पर टीम ने पटना, नवादा और नालंदा जिलों में छापेमारी कर चार आरोपियों को दबोचा. इनके पास से पांच मोबाइल फोन और दस सिम कार्ड भी बरामद किए गए.
गिरफ्तार आरोपियों का डिटेल
पुलिस के अनुसार, इस मामले में गिरफ्तार किए गए सभी आरोपी नालंदा जिले के फरासपुर गांव के रहने वाले हैं. इनमें सैनी कुमार (पिता: जितेन्द्र पासवान), सूरज कुमार (पिता सिंदर पासवान), अभिषेक कुमार (पिता छोटेलाल पासवान) और संतोष कुमार (पिता सुनील पासवान) शामिल हैं. पुलिस इन चारों से पूछताछ कर रही है और अन्य संभावित संलिप्त लोगों की तलाश भी जारी है.
ठगी का तरीका था हाई-टेक
आरोपी सरकारी अधिकारियों की पहचान चुराकर मोबाइल नंबर को किसी अन्य व्यक्ति के नाम पर पोर्ट करवाते थे और फिर OTP आधारित धोखाधड़ी करते थे. उनका मुख्य निशाना शिक्षक और विद्यालयों से जुड़े लोग थे, जिन्हें वे ई-शिक्षा कोष या अन्य शासकीय योजनाओं के नाम पर फंसा रहे थे.
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