आद्री परिसर में बोले स्वास्थ्य मंत्री कहा,नयी तकनीक से स्वास्थ्य सेवाओं में पारदर्शिता और जवाबदेही की पहल संवाददाता,पटना राज्य में आयुष्मान भारत और मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के क्लेम मॉनीटरिंग को लेकर स्वास्थ्य सेवाओं में पारदर्शिता लाने की दिशा में एक अहम कदम उठाया गया है. बुधवार को स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने पटना स्थित आद्री कार्यालय में राज्य एंटी फ्रॉड यूनिट डैशबोर्ड सिस्टम का शुभारंभ किया. यह प्रणाली बिहार स्वास्थ्य सुरक्षा समिति और अनुसंधान व विकास संस्था ‘आद्री’ के संयुक्त प्रयास से तैयार की गयी है. मंत्री ने आशा जतायी कि यह प्रणाली आने वाले समय में देशभर में एक मॉडल के रूप में सामने आयेगी. डैशबोर्ड के उद्घाटन के मौके पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि यह तकनीकी पहल सरकारी योजनाओं में पारदर्शिता और जवाबदेही को मजबूती प्रदान करेगी. इसके जरिए आयुष्मान भारत और मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत क्लेम की निगरानी बेहतर तरीके से हो सकेगी. अस्पतालों द्वारा की जाने वाली गलत बिलिंग या धोखाधड़ी अब समय रहते पकड़ी जा सकेगी जिससे सही लाभार्थियों को समय पर इलाज मिल सकेगा. मंत्री ने कहा कि अब अस्पतालों के क्लेम तथ्यों के आधार पर सत्यापित किये जा सकेंगे और इससे न सिर्फ फ्रॉड रुकेगा बल्कि समयबद्ध भुगतान भी सुनिश्चित होगा. इससे अस्पतालों को राहत और मरीजों को बेहतर सेवाएं मिलेंगी. इस अवसर पर स्वास्थ्य सुरक्षा समिति के सीइओ शशांक शेखर सिन्हा समेत आद्री और स्वास्थ्य विभाग के कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे. कार्यक्रम में आद्री के पूर्व निदेशक दिवंगत शैबाल गुप्ता श्रद्धांजलि दी गयी . इससे पूर्व आद्री की सदस्य सचिव डॉ अस्मिता गुप्ता ने संस्थान के वर्तमान शोध कार्यों की जानकारी दी, जिनमें सबसे उल्लेखनीय बिहार के लगभग 20 हजार निजी स्वास्थ्य इकाइयों का जियो पैपिंग कार्य है. इस अवसर पर शशांक शेखर सिन्हा, शैलेश चंद्र दिवाकर और आद्री की डाॅ मौसमी गुप्ता व डाॅ संचित महापात्रा ने भी अपने विचार व्यक्त किये. आद्री की डाॅ सुनीता लाल ने मंत्री और अन्य वक्ताओं को अंगवस्त्र से सम्मानित किया.कार्यक्रम में मंत्री ने आद्री द्वारा संचालित जन शिक्षण संस्थान के प्रशिक्षुओं को प्रमाणपत्र भी वितरित किये.
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