गहन पुनरीक्षण संविधान विरोधी : तेजस्वी

निर्वाचन आयोग की तरफ से बिहार में विशेष गहन मतदाता सूची पुनरीक्षण कराने की घोषणा को महागठबंधन ने आड़े हाथों लिया है.

By RAKESH RANJAN | June 28, 2025 1:22 AM
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संवाददाता, पटना निर्वाचन आयोग की तरफ से बिहार में विशेष गहन मतदाता सूची पुनरीक्षण कराने की घोषणा को महागठबंधन ने आड़े हाथों लिया है. इंडिया महागठबंधन के सभी घटक दलों के शीर्ष नेताओं ने शुक्रवार को पटना में संयुक्त रूप से प्रेस कॉन्फ्रेंस करके पुनरीक्षण कराने के निर्णय की सख्त निंदा की है. इस क्रम में बिहार में महागठबंधन के नेता तेजस्वी यादव ने अपने सरकारी आवास पर आयोजित संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि बिहार में गहन पुनरीक्षण की कार्रवाई लोकतंत्र और संविधान विरोधी है. इसे गरीब और वंचित वर्गों को मतदाता सूची से हटाने की साजिश के रूप में देखा जा सकता है. इसे महागठबंधन बर्दाश्त नहीं करेगा. मनमानी नहीं होने दी जायेगी. प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार राम, भाकपा माले के दीपंकर भट्टाचार्य समेत वीआइपी, सीपीएम और सीपीआइ के भी प्रतिनिधि शामिल हुए. महागठबंधन के नेता जल्द चुनाव आयोग से मिलेंगे तेजस्वी ने कहा कि निर्वाचन आयोग बताये कि आखिर चुनाव से ठीक पहले आठ करोड़ मतदाताओं का 25 दिन में पुनरीक्षण का कार्य क्यों कराना चाहती है? वह भी सिर्फ बिहार में? बिहार में बाढ़ से घिरे 73 प्रतिशत लोग दस्तावेज कहां से बनवा कर देंगे. इतने कम समय में कैसे हो पायेगा? कहा कि बिहार के लोग इस मामले में सतर्क हैं. कहा कि जल्दी ही महागठबंधन का प्रतिनिधिमंडल आयोग से मिल कर उसका इस मामले में जवाब मांगेगा. कांग्रेस के नेताओं ने भी किया कड़ा प्रतिवाद इस दौरान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम ने कहा कि महाराष्ट्र की भांति बिहार के चुनाव को भी चुनाव आयोग के माध्यम से प्रभावित करने का प्रयास किया जा रहा है. बिहार के विभिन्न वंचित वर्ग के मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से नाम हटाने की साजिश की है. कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि एनडीए सरकार पर जब-जब संकट आता है तो वो चुनाव आयोग के पास जाती है. इस बार भी यही हुआ है. दिल्ली की बैठक में क्यों नहीं दी जानकारी भाकपा माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि चुनाव आयोग ने पुनरीक्षण के संबंध में दिल्ली में हुई सभी दलों के साथ बैठक में इसकी जानकारी क्यों नहीं दी? साफ जाहिर है कि आयोग ने किसी के इशारे में ऐसा कराने का अचानक निर्णय लिया है. वीआइपी के देव ज्योति, सीपीआइ के रामबाबू कुमार, सीपीएम के अरुण कुमार ने भी गहन पुनरीक्षण कराने की कड़ी निंदा की है.

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