बिहार सिपाही भर्ती परीक्षा 2023 घोटाले में ईडी ने कई बड़े खुलासे किए हैं. ईडी ने बयान जारी करके बताया कि जिस कंपनी में सिपाही बहाली परीक्षा के प्रश्न-पत्र छापे गए थे, वह कंपनी ही फर्जी है. कौशिक कुमार नाम के एक शख्स ने कोलकाता की इस कंपनी को खड़ा किया है. जिसकी कंपनी पूर्व में भी कई पेपर लीक मामले में आरोपी रह चुकी है. एक कमरे में ही इस कंपनी का दफ्तर चलता है और कोई कर्मचारी भी इस कंपनी के पास नहीं है.
माफिया संजीव मुखिया ने करवाया था पेपर लीक
बिहार के कुख्यात शिक्षा माफिया संजीव मुखिया ने इस कंपनी की मदद से बिहार सिपाही बहाली परीक्षा के प्रश्न-पत्र लीक किए थे. ईडी के अनुसार, कई पेपर लीक कांड का मास्टरमाइंड रहा संजीव मुखिया और उसके गैंग ने इस फर्जी प्रिंटिंग प्रेस के बारे में पूरी जानकारी हासिल की थी. इसके गोदाम और प्रश्न-पत्र ले जाने वाले वाहन के बारे में पूरा पता लगाया था. जिसके बाद गोदाम से एग्जाम सेंटर ले जाये जाने के दौरान ये प्रश्न-पत्र सील बक्सों से उड़ा लिए और उसे सोशल मीडिया के जरिए उम्मीदवारों के बीच भारी रकम में बेच दिए गए थे. इस दौरान इंस्टाग्राम का विशेष इस्तेमाल हुआ था.
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ईडी ने की छापेमारी
इधर, ईडी ने गुरुवार को बिहार समेत चार राज्यों में छापेमारी की. पेपर लीक के मास्टरमाइंड संजीव मुखिया से जुड़े ठिकानों पर ये छापेमारी की गयी. कोलकाता में कैलेक्स मल्टीवेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में भी छापेमारी की गयी थी. वहां मिले दस्तावेजों में अहम खुलासे भी हुए.
दो साल पहले बनी कंपनी और ले लिया इतना बड़ा ठेका
ईडी की जांच में खुलासा हुआ कि जिस कंपनी को सिपाही बहाली परीक्षा 2023 के प्रश्नपत्र का ठेका दिया गया वो कंपनी महज दो साल पहले यानी 2021 में बनी थी.
ऐसे लीक हुआ था पेपर…
इडी के अनुसार, संजीव मुखिया जो कि कई पेपर लीक कांड का मास्टर माइंड था उसने और उसके गैंग ने इस फर्जी प्रिंटिंग प्रेस के बारे में पूरी जानकारी हासिल की, इसके गोदाम और प्रश्न पत्र ले जाने वाले वाहन के बारे में पता लगाया. जिसके बाद गोदाम से परीक्षा केंद्र ले जाये जाने के दौरान ये प्रश्न पत्र सील बक्सों से उड़ा लिये गये और उसे सोशल मीडिया खासकर टेलीग्राम का इस्तेमाल कर उम्मीदवारों को भारी रकम में बेचे गये.