हवा और पानी से जलेगी बिहार में बिजली, रफ्तार अभी धीमी

बिहार में हवा और पानी से बिजली जलेगी. चौंकिए नहीं, बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी लिमिटेड (बीएसपीएचसीएल) ने गैर-पारंपरिक ऊर्जा से बिहार को रोशन करने का कोटा पूरा करने के लिए बिजली की आपूर्ति पवन और पनबिजली जैसे हरित स्रोतों से सुनिश्चित करने का लक्ष्य तय किया है.

By RAKESH RANJAN | June 22, 2025 9:45 PM
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अनुज शर्मा, पटना बिहार में हवा और पानी से बिजली जलेगी. चौंकिए नहीं, बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी लिमिटेड (बीएसपीएचसीएल) ने गैर-पारंपरिक ऊर्जा से बिहार को रोशन करने का कोटा पूरा करने के लिए बिजली की आपूर्ति पवन और पनबिजली जैसे हरित स्रोतों से सुनिश्चित करने का लक्ष्य तय किया है. बिजली कंपनी ने वर्ष 2025-26 से लेकर 2029-30 तक 43.33 प्रतिशत तक का टारगेट रखा है. इसके लिए कंपनी को बिहार विद्युत विनियामक आयोग (बीइआरसी) से 771 मेगावाट गैर-पारंपरिक बिजली खरीदने की मंजूरी मिली है, जिसमें 612 मेगावाट पवन ऊर्जा और 159 मेगावाट पनबिजली शामिल है. यह बिजली केंद्र सरकार और निजी क्षेत्र की उत्पादन इकाइयों से खरीदी जायेगी. कंपनी ने इस योजना को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरइ) और भारतीय अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी (आइआरइडीए) जैसी संस्थाओं के साथ नीतिगत और वित्तीय करार की प्रक्रिया शुरू कर दी है. ऊर्जा विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, यह पहल राज्य की स्वच्छ ऊर्जा हिस्सेदारी को बढ़ायेगी और राष्ट्रीय हरित ऊर्जा लक्ष्यों के अनुरूप बिहार को आगे ले जायेगी. ऊर्जा विशेषज्ञों के अनुसार, यदि बिहार को 2029-30 तक 43 प्रतिशत गैर-पारंपरिक ऊर्जा आपूर्ति का लक्ष्य हासिल करना है, तो उसे इन नीतिगत व संरचनात्मक चुनौतियों से जल्दी निबटना होगा. तभी राज्य वास्तव में हरित ऊर्जा के राष्ट्रीय मानकों की बराबरी कर पायेगा. भारत में वैकल्पिक ऊर्जा के क्षेत्र में काम करने वाली कंपनी मरकॉम इंडिया की हालिया रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2025 की पहली तिमाही में भारत में कुल 12.3 गीगावाट नयी बिजली क्षमता जोड़ी गयी, जिसमें 54 प्रतिशत योगदान केवल सौर ऊर्जा का रहा. इसमें सबसे अधिक योगदान राजस्थान (29 %), गुजरात (17%) और कर्नाटक (13 %) का रहा. रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत में इस अवधि में कुल 6.7 गीगावाट सौर ऊर्जा जोड़ी गयी, जिसमें से 82 %बड़ी परियोजनाएं और 18 % रूफटॉप सोलर रहीं. हालांकि, इस सूची में बिहार का नाम नहीं है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि देशभर में कई अक्षय ऊर्जा परियोजनाएं ट्रांसमिशन अवसंरचना की कमी, भूमि अधिग्रहण और बिजली खरीद समझौते (पीपीए) में देरी के कारण पूरी नहीं हो सकीं. वर्षवार गैर-पारंपरिक ऊर्जा आपूर्ति लक्ष्य वर्षप्रतिशत 2025-26 33.01% 2026-27 35.95% 2027-28 38.81% 2028-29 41.36% 2029-30 43.33%

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