बनाई गई विशेष टीम
खनन विभाग, बिहार से यह जानकारी ली गई है कि राज्य में कितने लोगों या कंपनियों को बालू भंडारण की अनुमति दी गई है और कितनों को इसके लिए लाइसेंस जारी किया गया है. इस पूरे मामले में सख्त कार्रवाई के लिए आर्थिक अपराध इकाई ने एक विशेष टीम बनाई है, जिसका नेतृत्व इकाई के पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार कर रहे हैं.
इस अभियान के पहले चरण में 20 और 21 जून 2025 की रात, भोजपुर जिले में आर्थिक अपराध इकाई, जिला प्रशासन और जिला पुलिस की संयुक्त टीमों ने एक साथ छापेमारी की. इस दल का नेतृत्व संयुक्त रूप से भोजपुर के जिलाधिकारी, भोजपुर के पुलिस अधीक्षक और आर्थिक अपराध इकाई के पुलिस अधीक्षक बिहार ने किया.
कैसे हुआ वेरिफिकेशन
इन दलों द्वारा कुल चार बालू भंडारण स्थलों और बालू के खनन पट्टों का औचक निरीक्षण किया गया. साथ ही पुराने आरोप पत्रित बालू माफियाओं की वर्तमान गतिविधियों का भी वेरिफिकेशन करवाया गया. भोजपुर के जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन और आर्थिक अपराध इकाई द्वारा जीपीएस तकनीक का प्रयोग किया गया. इसके माध्यम से सभी लाइसेंस प्राप्त खनन स्थलों और भंडारण स्थलों का जियो-रेफरेंसिंग के जरिए सत्यापन किया गया.
दो विभागों से लिया जायेगा सहयोग
खनन विभाग के सहयोग से सभी भंडारण स्थलों की क्षमता का भी मूल्यांकन किया गया. इसके लिए नवीनतम ड्रोन तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है. इओयू के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि भोजपुर जिले के उन बालू माफियाओं और असामाजिक तत्वों की सूची भी तैयार की गई है. ये लोग पहले अवैध बालू कारोबार में संलिप्त रहे हैं.
इस सूची का इन टीमों द्वारा सत्यापन किया गया. यह कार्रवाई लगातार जारी रहेगी. आगे के चरणों में अन्य जिलों में भी इसी तरह की कार्रवाई की जाएगी. इसमें संबंधित जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन और खनन विभाग का सहयोग लिया जाएगा. इन सभी कार्रवाइयों का नेतृत्व आर्थिक अपराध इकाई बिहार पटना द्वारा किया जाएगा.
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