-बीपीएससी की 70वीं मुख्य परीक्षा में स्थानीय लोकोक्तियों पर लिखवाया गया निबंध
स्थानीय परीक्षार्थियों को मिला फायदा
एएन कॉलेज परीक्षा केंद्र से परीक्षा देकर निकले कई परीक्षार्थियों ने बताया कि निबंध का यह खंड बेहद चुनौतीपूर्ण था, क्योंकि यह समझ में नहीं आ रहा था कि दो-तीन पैराग्राफ से अधिक वे इस पर कैसे लिखें. बचपन से आम बोलचाल में इस्तेमाल होते रहने और गांव में इस तरह की बातें एक दूसरे के बारे में हमेशा इस्तेमाल होने किये जाने के कारण स्थानीय परीक्षार्थी तो इसमें कुछ हद तक सोचने में भी सक्षम थे. लेकिन दूसरे राज्यों के परीक्षार्थियों के लिए यह और भी चुनौतीपूर्ण था. ऐसे में 700-800 शब्द टू द प्वाइंट लिखना बेहद मुश्किल था.
निबंध का पेपर काफी डायनेमिक था
चाणक्य आइएएस एकेडमी के रीजनल हेड डॉ कृष्णा सिंह ने कहा कि निबंध का पेपर काफी डायनेमिक था. अलग-अलग सेक्शन में अलग-अलग प्रश्न पूछे गये, जो देखने में तो आसान लग रहे थे, लेकिन उनमें काफी गहराई थी. तीसरे सेक्शन में पूरी तरह बिहार का परिदृश्य छाया रहा. पहला व दूसरा सेक्शन तुलनात्मक से कुछ प्रश्न आसान थे.
पहले व दूसरे सेक्शन में इस प्रकार पूछे गये प्रश्न
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