गर्मी में हलक सूखने से बचायेगी चार हजार से अधिक पंचायतों में बनी विशेष टीम

गर्मी में हलक सूखने से बचायेगी चार हजार से अधिक पंचायतों में बनी विशेष टीम

By Mithilesh kumar | April 4, 2025 6:04 PM
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संवाददाता, पटना इस बार राज्य के चार हजार से अधिक पंचायतों में लोगों को गर्मी में पीने के पानी की संकट सेनहीं जूझना पड़ेगा. जल संकट वाले ऐसे 28 जिले के चार हजार से अधिक पंचायतों में विशेष टीम गठित किया गया है. यह टीम गर्मी के दौरान लोगों को पानी के संकट से उबारेंगे. पीएचइडी ने इन जिलों के अलावे वैसे सभी जगहों पर पानी संकट से निबटने के लिए 460 से टैंकरों की व्यवस्था की गयी है. वहीं, जरूरत के मुताबिक टैंकरों को किराये पर भी लेने का निर्देश दिया गया है. समीक्षा बैठक के बाद 26 जिलों के विभागीय पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि पिछले दो-तीन वर्षों में गर्मी के दौरान ऐसे कौन- कौन से इलाके हैं, जहां जल संकट अधिक देखने को मिला है. उन सभी इलाकों में विशेष टीम की चहलकदमी बढ़ाये. जल संंकट वाले पंचायतों के टोले बसावट,गांव में विशेष टीम काम करेंगे, जहां कम से कम बारिश हुई है.या उन पंचायतों में जहां हर साल गर्मी में जल संकट होने की संभावना भी सबसे अधिक रहती है. विभागीय अधिकारियों के मुताबिक कई जिलों में टीम ने जलापूर्ति योजनाओं की मरम्मति शुरू कर दी है. टीम में एक पलंबर, एक हेल्पर और निगरानी के लिए एक व्यक्ति को रखा गया है. जो हर दिन काम काज की पूरी रिपोर्ट ऑनलाइन भेजेंगे. यहां कम हुई है बारिश पटना,जहानाबाद, गया, औरंगाबाद, शेखपुरा, नवादा, मुंगेर, लखीसराय, भागलपुर, बांका, जमुई व नालंदा में वर्षापात कम हुई है. मार्च की शुरुआत से ही इन इलाकों में भूजल संकट गहराने लगा है. नहरों व जलाशयों में पानी की कमी भी धीरे-धीरे बढ़ने लगी है. अगर तपिश इसी तरह से रही, तो इन इलाकों में सबसे अधिक परेशानी होगी. इन जिलों में मार्च से शुरू होग गयी भू जल में गिरावट – विभाग के मुताबिक रोहतास, नवादा, जहानाबाद, भभुआ, बांका, लखीसराय, नालंदा, अरवल, दरभंगा, औरंगाबाद, गया, समस्तीपुर, भागलपुर, शेखपुरा, मुंगेर, पटना में मार्च की शुरुआत से ही भूजल में गिरावट होने लगी है. जिससे कई जगहों पर जलापूर्ति योजनाओं में पानी छोड़ने की शिकायत भी आ रही है. जिसका समाधान विशेष गठित टीम के माध्यम से किया जा रहा है. ड्रेस में रहेंगे मरम्मति दल के साथी विभाग ने निर्देश दिया है कि जिलों में जितने मरम्मति दल के सहयोगी होंगे. उन सभी को ड्रेस में रहना होगा. जिससे उनकी पहचान करने में लोगों को परेशानी नहीं होगी.कई बार देखा गया है कि जलापूर्ति योजनाओं में शिकायत करने पहुंचे मरम्मति दल किसी विभाग या कहां से आये है. इसकी पहचान करने में लोगों को परेशानी होती है. इस कारण से यह निर्देश दिया गया है.

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