कोर्ट ने मामले को अपवाद मानकर विशेष सुनवाई की. अररिया कोर्ट में हाई कोर्ट के आदेशानुसार कोरोना के चलते किसी मामले की सुनवाई नहीं हो रही. इस मामले में कोर्ट ने पीड़िता को बेल दे दी. पीड़िता के दो सहयोगी कल्याणी और तन्मय का बेल अस्वीकृत किया गया. यह स्पष्ट नहीं है कि कल्याणी और तन्मय को बेल क्यूं नहीं दिया गया, जबकि सभी उसी आरोप के तहत बंद हैं.
पीड़िता को मदद दिलाने के लिए आगे आयी संस्थाओं से जुड़े लोगों ने कहा कि पीआर बांड पर रिहा करना एक समस्या पैदा करता है. क्यूंकि, यह पीड़िता और उसकी देखभाल कर रहे लोगों को अलग कर देता है. इसके चलते पीड़िता को एक और मानसिक प्रताड़ना से गुजरना पड़ेगा.
इससे जुड़े अभिमन्यु, आशीष रंजन, कामायनी स्वामी, रंजित पासवान और सोहिनी ने बताया कि कल्याणी और तन्मय के बेल के लिए तुरंत डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में आवेदन दाखिल करना चाहते थे, पर यह संभव नहीं हो सका.
उन्होंने बताया कि ऐसी परिस्थिति में अपने वकील वृंदा ग्रोवर और अनुज प्रकाश की सलाह पर आगे की न्यायिक संभावनाओं को तलाशेंगे. साथ ही कहा कि इनकी रिहाई के आगे हम इस बात की कोशिश जारी रखेंगे कि कैसे किसी भी यौन हिंसा की पीड़िता और उसकी मदद कर रहे सहयोगियों को संवेदनशीलता के साथ न्याय मिले.
Posted By : Kaushal Kishor