लोक कलाओं को मिलेगा बढ़ावा
श्रम संसाधन विभाग के सचिव दीपक आनंद ने बताया, इस पहल से राज्य की पारंपरिक लोक कलाओं को बढ़ावा मिलेगा और साथ ही लोगों को रोजगार के नए अवसर भी मिलेंगे. यह योजना न सिर्फ कला को जिंदा रखेगी, बल्कि युवाओं को आत्मनिर्भर बनने का एक मजबूत प्लेटफॉर्म भी देगी.
फ्री में दी जायेगी ट्रेनिंग
श्रम संसाधन विभाग के सचिव की माने तो, इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने वालों को ट्रेनिंग पूरी तरह फ्री में दिया जाएगा. साथ ही उन्हें ट्रेनिंग से जुड़े जरूरी सामान और तकनीकी सहयोग भी उपलब्ध कराया जाएगा ताकि वे इस पारंपरिक कला को सीखकर खुद का रोजगार शुरू कर सकें.
सर्टिफिकेट से कर सकेंगे रोजगार के लिए आवेदन…
इस ट्रेनिंग के बाद उन्हें सर्टिफिकेट भी मिलेगा, जिससे वे सरकारी और प्राइवेट संस्थानों में रोजगार के लिए आवेदन कर सकेंगे. इस योजना से न सिर्फ बिहार की पारंपरिक कला को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि महिलाओं को स्थानीय और विश्व स्तर पर अपनी पहचान बनाने का मौका भी मिलेगा. साथ ही युवाओं को रोजगार मिलने से पलायन जैसी समस्याएं भी कम होंगी.
(जयश्री आनंद की रिपोर्ट)
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