Water logging in Patna: हाईकार्ट ने पटना में जलजमाव की समस्याओं को दूर करने को लेकर बिहार सरकार से मांगी रिपोर्ट

Water logging in Patna: पटना : पटना हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह छह जुलाई तक एक रिपोर्ट पेश कर यह बताये कि राजधानी पटना से जलजमाव की समस्या को दूर करने और जल निकासी के लिए क्या-क्या व्यवस्था उसके द्वारा की गयी है. मुख्य न्यायाधीश संजय करोल और न्यायाधीश एस कुमार की खंडपीठ ने पीआइएल फोरम द्वारा दायर लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया.

By Kaushal Kishor | June 26, 2020 8:14 PM
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Water logging in Patna : पटना : पटना हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह छह जुलाई तक एक रिपोर्ट पेश कर यह बताये कि राजधानी पटना से जलजमाव की समस्या को दूर करने और जल निकासी के लिए क्या-क्या व्यवस्था उसके द्वारा की गयी है. मुख्य न्यायाधीश संजय करोल और न्यायाधीश एस कुमार की खंडपीठ ने पीआइएल फोरम द्वारा दायर लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया.

अधिवक्ता शशि भूषण कुमार ने कोर्ट को बताया कि राजधानी पटना में तीन दिन की बारिश से हर जगह पानी जमा हो गया है. इससे यह साबित होता है कि इस संबंध में किया गया सरकारी दावा गलत है. सरकार के दावों और वादों की पोल तीन दिन की बारिश से हर गली मोहल्लों में जमा बारिश के पानी ने ही खोल कर रख दी है. राजधानी पटना के हर गली मोहल्लों में जलजमाव की समस्या विकराल रूप ले रही हैं.

कोर्ट को शशि भूषण कुमार ने बताया कि इससे पूर्व अधिवक्ता श्याम किशोर शर्मा ने भी इस समस्या को लेकर नब्बे के दशक में एक जनहित याचिका हाई कोर्ट में दायर की थी. काफी दिनों तक कोर्ट में जलजमाव की समस्या को दूर करने के लिए दायर लोकहित याचिका पर सुनवाई भी हुई. जल जमाव की समस्या को दूर करने का हाईकोर्ट से कई आदेश भी हुआ, लेकिन स्थिति जस-की-तस बनी हुई है.

आज भी पटना के हर क्षेत्र में जलजमाव की समस्या बनी रहती है. जलनिकासी की व्यवस्था सही नहीं होने के कारण जलजमाव की समस्या और भी गंभीर हो जाती हैं. यही कारण है कि पिछले वर्ष पटना जलमग्न हो गया था. पटना शहर के कई इलाकों सहित बहादुरपुर हाउसिंग कॉलनी, राजेंद्र नगर, कंकड़बाग, हनुमान नगर एवं कई अन्य इलाके जलजमाव से बुरी तरह प्रभावित होते रहते हैं. इस मामले पर अगली सुनवाई छह जुलाई को रिपोर्ट आने के बाद फिर की जायेगी.

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