बिहटा . सरकारी घोषणाओं और कृषि योजनाओं के बीच सदिसोपुर समसारा के किसान हकीकत की जमीनी तस्वीर से जूझ रहे हैं, जहां एक सरकारी नलकूप सिर्फ इस वजह से ठप है कि उसे चालू करने के लिए बिजली ही नहीं है. विडंबना यह है कि किसानों की बार-बार की शिकायतें और सिंचाई विभाग द्वारा भेजे गये आधिकारिक पत्र के बावजूद अब तक नया ट्रांसफार्मर नहीं लगाया गया, और नलकूप जस का तस पड़ा है. स्थानीय किसान बताते हैं कि नलकूप से खेतों की सिंचाई की जाती थी, लेकिन पिछले कई महीनों से बिजली की आपूर्ति बाधित है. इसका कारण है ट्रांसफार्मर की दूरी और ओवरलोडिंग, जिससे पर्याप्त वोल्टेज नहीं मिल पाता और मोटर चालू नहीं हो पाती है. नतीजतन, किसानों को निजी पंप के सहारे खेती करनी पड़ रही है. जिससे सिंचाई की लागत कई गुना बढ़ गयी है. अनुमंडल सिंचाई विभाग बिहटा ने 7 नवंबर 2022 को ही इस विषय में विदयुत कार्यपालक अभियंता बिहटा को पत्र भेजकर ट्रांसफार्मर की आवश्यकता जतायी थी. नया ट्रांसफार्मर स्थापित किया जाये, ताकि नलकूप की निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित हो सके. लेकिन दो वर्षों में भी यह अनुरोध फाइलों में दबा है. ग्रामीणों का आरोप है कि स्थानीय बिजली विभाग के अधिकारी सिर्फ आवेदन लेकर आश्वासन देते रहे हैं. अब स्थिति यह है कि फसलों की हालत बिगड़ती जा रही है, और किसान प्रशासनिक अनदेखी से खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं. गांव में अब प्रदर्शन की तैयारी की जा रही है, और लोग मांग कर रहे हैं कि संबंधित अधिकारी व्यक्तिगत जिम्मेदारी लें और जनहित में तत्काल नया ट्रांसफार्मर स्थापित करें, ताकि किसानों को सिंचाई के लिए फिर से नलकूप का सहारा मिल सके. वहीं इस संबंध में जदयू प्रखंड अध्यक्ष सह बीस सूत्री उपाध्यक्ष राजू यादव ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई करने की मांग की है. इस मामले में सदिसोपुर पंचायत कि मुखिया दीक्षा प्रियदर्शी ने बताया कि दो साल से ट्रांसफार्मर नहीं लगना किसानों के साथ अन्याय है. सिंचाई ठप होने से उनकी खेती प्रभावित हो रही है. हमने कई बार बिजली विभाग को अवगत कराया, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई. अगर जल्द इस समस्या का समाधान नहीं हुआ तो मजबूरन बिजली विभाग के गेट पर धरना प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे.
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