Patna: 28 जून की दोपहर पटना जंक्शन के प्लेटफॉर्म नंबर-10 पर भीड़ में खोया एक मासूम ढाई साल का बच्चा अब पांच दिन बाद सीतामढ़ी के एक गांव से मिला. उसका नाम सोनू है, मां राधा देवी की गोद से झपटा गया था. एक ऐसा कांड, जो ना सिर्फ सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करता है बल्कि इंसानियत को भी शर्मिंदा करता है.
सौदेबाजी की चपेट में बचपन
जांच में खुलासा हुआ है कि सोनू को अगवा करने के बाद दो-दो दलालों ने उसे बेचने का खेल खेला. पहली बार उसे दीनानाथ ने खरीदा, जो खुद एक अस्पताल चलाता है. फिर उसने बच्चे को टिंकू राय उर्फ ब्रजनंदन को 2.70 लाख रुपए में बेच दिया. टिंकू ने पुनौराधाम में बच्चे का मुंडन करा दिया, ताकि कोई पहचान न सके.
मां से मांगा फोन, और मासूम को लेकर गायब हो गया वह शातिर
राधा देवी उस दिन अपने गांव लौटने के लिए प्लेटफॉर्म पर बेटे के साथ खड़ी थीं. तभी एक व्यक्ति उनके बेटे से बात करने लगा, उसे खिलाने लगा. उसी दौरान राधा देवी ने किसी से फोन मांगकर पति को कॉल करना चाहा. उनका ध्यान भटका और वह व्यक्ति सोनू को लेकर आंखों से ओझल हो गया.
FIR के दो दिन बाद लगी तलाश की दिशा
पटना जंक्शन GRP ने 30 जून को अपहरण की प्राथमिकी दर्ज की. रेल SP एएस ठाकुर की अगुवाई में बनी विशेष टीम ने लगातार जांच कर सोनू को सीतामढ़ी के छुटकी खैरवा गांव से बरामद किया. इस दौरान दो लोगों की गिरफ्तारी हुई, लेकिन गिरोह के दो सदस्य अब भी फरार हैं.
बच्चे को पाकर मां राधा देवी फूट-फूटकर रोने लगीं. उन्होंने कहा – “मुझे लगा था मेरा बेटा अब कभी नहीं मिलेगा। लेकिन रेल पुलिस ने जैसे मेरी सांसें वापस लौटा दीं.”
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