नीतीश सरकार ने की मगही-मैथिली की उपेक्षा, नेपाली को मैथिली समझ बैठे जीतनराम मांझी
Language Controversy: इस बैनर पर देवनागरी में दो बार ‘बिहार में स्वागत है’ लिखा है. एक बार भोजपुरी में इसे ‘बिहार में राउर स्वागत बा’ और दूसरी बार नेपाली में ‘बिहारमा स्वागत छ’.
By Ashish Jha | March 21, 2025 1:51 PM
Language Controversy: पटना. अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट की मेजबानी कर रहे बिहार के खेल विभाग ने अपने एक बैनर से बिहार में भाषा विवाद को हवा दे दी है. नीतीश सरकार ने बैनर में केवल भोजपुरी को जगह दी है, जबकि मगही-मैथिली जैसी बिहार की भाषा की उपेक्षा की गयी है. केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी ने आयोजन के बैनर पर मगही की गैर-हाजिरी पर आपत्ति उठाई है. वैसे जीतनराम मांझी नेपाली को मैथिली समझ कर मगही की उपेक्षा पर सवाल उठाया है. मांझी ने देवनागरी में लिखे नेपाली भाषा के संदेश को बिहार की इकलौती संवैधानिक भाषा मैथिली समझ लिया है, जबकि हिन्दी के अलावा जो दूसरी भाषा है वो भोजपुरी में है.
बैनर में बिहार की ओर से केवल भोजपुरी को स्थान
पहली बार सेपक टाकरा वर्ल्ड कप का आयोजन भारत में हो रहा है, जिसकी मेजबानी बिहार को मिली है. इसमें 20 देशों की टीम हिस्सा ले रही हैं. 20 मार्च से 25 मार्च तक चलनेवाले टूर्नामेंट में भारत के अलावा फ्रांस, न्यूजीलैंड, वियतनाम, इटली, पोलैंड, जापान, थाईलैंड, सिंगापुर, श्रीलंका, स्विट्जरलैंड, अमेरिका, नेपाल, ब्राजील, ईरान, चीनी ताइपे, म्यांमार, मलेशिया, इंडोनेशिया के खिलाड़ी शामिल हो रहे हैं. आयोजन स्थल पर एक स्वागत बैनर लगाया गया है, जिसमें ‘बिहार में स्वागत है’ को टूर्नामेंट में शामिल हो रहे देश की भाषाओं में लिखा गया है. इस बैनर पर देवनागरी में दो बार ‘बिहार में स्वागत है’ लिखा है. एक बार भोजपुरी में इसे ‘बिहार में राउर स्वागत बा’ और दूसरी बार नेपाली में ‘बिहारमा स्वागत छ’.
मगध में मगही की उपेक्षा पर आपत्ति
जीतनराम मांझी ने भोजपुरी के साथ नेपाली में लिखे गए स्वागत संदेश को संविधान के आठवीं अनुसूची में शामिल बिहार की भाषा मैथिली मान लिया. उन्होंने ट्वीट करके मगही को छोड़ने पर आपत्ति दर्ज करा दी है. मांझी ने नीतीश कुमार, खेल विभाग और बिहार राज्य खेल प्राधिकरण को ट्वीट में टैग करके लिखा है- “BSSA के पदाधिकारियों से इस तरह की उम्मीद नहीं की जा सकती. आप मगध की मगही भाषा की अनदेखी नहीं कर सकते. ये बिहार सहित देश, दुनिया के करोड़ों लोगों की ज़ुबान है. आप “बिहार में राउर स्वागत बा” कहें या “बिहारमा स्वागत छा” कहें, उससे हमें कोई आपत्ति नहीं पर आप यदि बिहार में हमारे मगही भाषा को दरकिनार करेंगें तो हमें आपत्ति होगी. भविष्य में यदि आप बिहार के हर क्षेत्र की भाषा का इस्तेमाल कर रहें हैं तो आपको मगही भाषा का भी उपयोग करना चाहिए.”
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