मिनी पितृपक्ष मेला: ठंड के बावजूद पिंडदानी कर रहे श्राद्ध कर्मकांड, जानें पौष मास में पिंडदान का क्या है महत्व

मिनी पितृपक्ष मेला: श्री विष्णुपद प्रबंधकारिणी समिति के सदस्य मणिलाल बारिक ने बताया कि मिनी पितृपक्ष मेले में पिंडदान करने वालों में सबसे अधिक महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात व हिमाचल प्रदेश राज्यों के श्रद्धालु शामिल हैं एक माह तक आयोजित होने वाले इस मिनी पितृपक्ष मेले में इस बार पांच लाख तक श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना है.

By RajeshKumar Ojha | January 5, 2025 2:31 PM
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नीरज, गया

मिनी पितृपक्ष मेला पितरों की मोक्ष भूमि व भगवान विष्णु की पावन नगरी गयाजी में एक माह तक आयोजित होने वाले मिनी पितृपक्ष मेले में पहले दिन देश के कई राज्यों से आये पांच हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने अपने पितरों के आत्मा की शांति व मोक्ष प्राप्ति की कामना को लेकर देवघाट, फल्गु नदी, विष्णुपद, सीताकुंड, प्रेतशिला, अक्षयवट व शहर के अलग-अलग क्षेत्र में स्थित अन्य वेदी स्थलों पर अपने कुल पंडा के निर्देशन में पिंडदान, श्राद्धकर्म व तर्पण का कर्मकांड संपन्न किया. तब से लगातार हजारों की संख्या में देश के विभिन्न राज्यों से आये श्रद्धालु अपने पितरों को पिंडदान कर रहे हैं.

श्रद्धालु इस मेले में करते हैं पिंडदान

गंगासागर मेला में गंगा स्नान के लिए अपने घरों से निकलने वाले अधिकतर श्रद्धालु पहले मोक्ष भूमि गयाजी आते हैं. यहां आकर अपने पितरों के आत्मा की शांति व मोक्ष प्राप्ति की कामना को लेकर पंडा के निर्देशन में पिंडदान करते हैं. उन्होंने बताया कि इस मिनी पितृपक्ष मेले में पिंडदान के निर्माता मोक्ष भूमि आने वाले अधिकतर श्रद्धालु एक दिनी अथवा तीन दिनी होते हैं जो यहां रुक कर पिंडदान का कर्मकांड करते हैं.

प्रेतशिला वेदी स्थलों पर सर्वाधिक पहुंच रहे हैं पिंड दाने

एक दिनी व तीन दिनी के इस कर्मकांड में विष्णुपद, अक्षयवट, प्रेतशिला सीताकुंड, देवघाट व फल्गु में कर्मकांड का विधान है. इसके कारण मिनी पितृपक्ष मेला में पूरे एक माह इन वेदी स्थलों पर तीर्थयात्रियों की सर्वाधिक भीड़ जुट रही है. मालूम हो कि प्रशासनिक स्तर पर शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में वर्तमान में 54 वेदी स्थल है. इन वेदी स्थलों पर पिंडदानी अपने पितरों के आत्मा की शांति व मोक्ष प्राप्ति की कामना को लेकर पिंडदान, श्राद्धकर्म व तर्पण का कर्मकांड करते हैं.

श्री विष्णुपद प्रबंधकारिणी समिति के सदस्य मणिलाल बारिक ने बताया कि मिनी पितृपक्ष मेले में पिंडदान करने वालों में सबसे अधिक महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात व हिमाचल प्रदेश राज्यों के श्रद्धालु शामिल हैं एक माह तक आयोजित होने वाले इस मिनी पितृपक्ष मेले में इस बार पांच लाख तक श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना है.

मकर संक्रांति तिथि से करीब एक पखवाड़ा पहले काफी संख्या में श्रद्धालुओं का आना होता है. गंगा स्नान व मकर संक्रांति के साथ इस एक मासीय मेले का समापन होगा. इलाहाबाद में 15 जनवरी से शुरू हो रहे महाकुंभ मेले के कारण इस बार इस मेले में यहां तीर्थयात्रियों की संख्या में भी वृद्धि होने की पूरी संभावना है.

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