-टॉपर लिस्ट में शामिल नामों पर संदेह, अंक घोटाले की आशंका-एडमिशन के लिए 12वीं का बन रहा फर्जी अंकपत्र-टॉप 50 में रहने वाले अधिकांश स्टूडेंट्स ने आवेदन के समय भरा 12वीं का फर्जी अंक!, किसी भी बोर्ड के टॉपर नहीं हैं शामिलसंवाददाता, पटनापटना विश्वविद्यालय द्वारा जारी की गयी अंडरग्रेजुएट नियमित पाठ्यक्रम (यूजी रेगुलर) की प्रथम मेरिट सूची को लेकर विवाद गहराता जा रहा है. कई अभ्यर्थियों और शिक्षा विशेषज्ञों ने मेरिट सूची में अंक घोटाले और फर्जीवाड़े की आशंका जतायी है. सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि टॉपर्स की सूची में शामिल अधिकांश नाम ऐसे हैं, जिनका नाम बिहार बोर्ड या सीबीएसइ की किसी भी आधिकारिक टॉपर सूची में शामिल नहीं है. वहीं, राज्य व राष्ट्रीय स्तर के असली टॉपरों ने या तो आवेदन ही नहीं किया है या उनका नाम सूची में कहीं नहीं दिख रहा है. विभिन्न छात्र संगठनों ने कहा कि पटना विश्वविद्यालय की यूजी प्रवेश प्रणाली पर गहराया यह संकट न केवल योग्य विद्यार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है, बल्कि पारदर्शिता पर प्रश्नचिह्न भी खड़ा करता है.
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