संवाददाता, पटना तकनीकी शिक्षा को नयी ऊंचाई देने की दिशा में आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय (एकेयू) पटना और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (नीलिट), पटना के बीच गुरुवार को एमओयू पर हस्ताक्षर हुआ. इस करार के तहत विद्यार्थियों को कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआइ), मशीन लर्निंग (एमएल), बिग डेटा एनालिटिक्स, ब्लॉकचेन, इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आइओटी), और साइबर सिक्योरिटी जैसे उभरते प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में प्रशिक्षण दिया जायेगा. समझौता पत्र पर विश्वविद्यालय की ओर से कुलसचिव रामजी सिंह और नीलिट की ओर से कार्यकारी निदेशक प्रो नितिन कुमार पुरी ने हस्ताक्षर किया. इस अवसर पर कुलपति प्रो शरद कुमार यादव ने कहा कि यह साझेदारी हमारे शैक्षणिक कार्यक्रमों को आधुनिक उद्योग की जरूरतों से जोड़ने का महत्वपूर्ण कदम है. उभरती तकनीकों में संयुक्त प्रमाणन कार्यक्रम के माध्यम से हम छात्रों को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनायेंगे. यह समझौता भारत सरकार की डिजिटल इंडिया, मेक इन इंडिया और स्किल इंडिया जैसी योजनाओं तथा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के उद्देश्यों को साकार करने की दिशा में उठाया गया कदम है. इससे न केवल एकेयू बल्कि उससे संबद्ध कॉलेजों और बिहार के युवाओं को नयी तकनीकों में प्रशिक्षित होने का मौका मिलेगा. नीलिट, पटना के निदेशक प्रो पुरी ने कहा कि यह समझौता स्थानीय प्रतिभाओं को संवारने, सामाजिक उद्यमिता को बढ़ावा देने और तकनीकी समाधानों के माध्यम से क्षेत्रीय समस्याओं का हल खोजने की दिशा में काम करेगा. अकादमिक प्रभारी डॉ मनीषा प्रकाश ने बताया कि यह पहल विद्यार्थियों को इंटर्नशिप, संयुक्त अनुसंधान, और व्यावहारिक प्रशिक्षण के अवसर प्रदान करेगी, जिससे उनकी रोजगार क्षमता में इजाफा होगा. यह एमओयू आगामी पांच वर्षों के लिए प्रभावी रहेगा और दोनों संस्थानों के सहयोग से बिहार को तकनीकी शिक्षा और नवाचार का नया केंद्र बनाने में सहायक सिद्ध होगा.
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