राग और वाद्य यंत्रों पर आधारित होंगे पहली से आठवीं कक्षा में भाषा की किताबों के नाम
एनसीइआरटी की नयी पाठ्य पुस्तकें भारतीय संस्कृति, परंपराओं के अलावा संगीत से भी विद्यार्थियों को जोड़ेंगी.
By AJAY KUMAR | April 18, 2025 2:23 AM
संवाददाता, पटनाएनसीइआरटी की नयी पाठ्य पुस्तकें भारतीय संस्कृति, परंपराओं के अलावा संगीत से भी विद्यार्थियों को जोड़ेंगी. पहली से आठवीं कक्षा में भाषा की किताबों के नाम राग और वाद्य यंत्रों पर आधारित हैं. पहली से पांचवीं कक्षा में भाषा की किताबों के नाम भारतीय वाद्य यंत्रों पर आधारित हैं. जबकि छठी से आठवीं कक्षा तक की भाषा की किताबों के नाम प्रचलित रागों को दर्शाते हैं. इसका मकसद, स्कूली शिक्षा की पढ़ाई के साथ बच्चों को भारतीय परिप्रेक्ष्य से जोड़ना है. पाठ्यपुस्तकों की विषय-वस्तु को राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनइपी) 2020 और राष्ट्रीय करिकुलम फ्रेमवर्क के तहत तैयार किया गया है. एनसीइआरटी के अनुसार अभी तक जो फीडबैक आया है, उसमें नयी किताबों को पहली बार फाइव स्टार रेटिंग मिली है. इससे पहले इनकी टू स्टार रेटिंग ही थी. एनसीइआरटी ने कहा है कि इसमें भारतीय ज्ञान प्रणाली, सांस्कृतिक विरासत के तत्व भी शामिल हैं. यह लैगिंग समानता, डिजिटल कौशल और पर्यावरण जैसे मूल्यों की शिक्षा देती है.
पहली व दूसरी कक्षा
हिंदी : सारंगी : उत्तर भारत का शास्त्रीय संगीत से जुड़ा प्रसिद्ध वाद्ययंत्र है.
उर्दू : शहनाई : उत्तर भारत का प्रसिद्ध वाद्ययंत्र है, जो कि शुभ मौके पर बजाया जाता है. इसकी पहचान बिस्मिल्लाह खां से होती है.
अंग्रेजी : संतूर : कश्मीर का एक लोक वाद्ययंत्र है.
उर्दू : सितार : उत्तर भारत के शास्त्रीय संगीत में प्रयोग होता है.
अंग्रेजी : पूर्वी : शाम ढलने पर गाया जाने वाला शास्त्रीय संगीत से जुड़ा राग है.
संस्कृत : दीपकम : तानसेन द्वारा गाये जाने वाले दीपक राग से लिया गया है.
पहली कक्षा से गुड और बैड टच पढ़ेंगे बच्चे
चौथी कक्षा में दो लैंग्वेज के साथ पर्यावरण की होगी पढ़ाई
शैक्षणिक सत्र 2025-26 से चौथी कक्षा में छात्रों को कुल पांच विषयों की पढ़ाई अनिवार्य होगी. दो लैंग्वेज में छात्रों को हिंदी, इंग्लिश या उर्दू में से कोई दो भाषा पढ़नी जरूरी रहेगी. फिजिकल एजुकेशन या योग और आर्ट या पर्यावरण एजुकेशन को नये तरीके से जोड़ा गया है. इसके अलावा मैथ्स भी रहेगा. चौथी कक्षा की नयी पाठ्य पुस्तकें मार्केट और इ-कॉमर्स साइट पर बिक्री के लिए उपलब्ध होंगी. इन सभी पाठ्य पुस्तकों में पहले एक विषय पर पाठ होगा. उसके बाद छात्र ने कितना और क्या सीखा, आदि के लिए एक्टिविटी कॉर्नर होंगे. इससे शिक्षक और अभिभावक बेहतर तरीके से मूल्यांकन कर सकेंगे.
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