Patna News: सरकारी अस्पतालों के ओपीडी में भीड़ होगी नियंत्रित, अब पंजीयन काउंटर पर लगेगा टोकन डिस्प्ले डिवाइस

Patna News: राज्य सरकार द्वारा जिला अस्पतालों से लेकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों तक ओपीडी सेवा में मरीजों की भीड़ की कतार को ठीक किया जायेगा. इसके लिए तेजी से कार्य किया जा रहा है.

By Radheshyam Kushwaha | January 29, 2025 4:25 AM
an image

Patna News: बिहार के सरकारी अस्पतालों के ओपीडी में आने वाले मरीजों की भीड़ को नियंत्रित करने को लेकर विभाग सिस्टम को विकसित करने की तैयारी की है. स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा जिला अस्पतालों से लेकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों तक ओपीडी सेवा में मरीजों की भीड़ की कतार को ठीक किया जायेगा. इसके लिए पंक्ति प्रबंधन प्रणाली (क्यू मैनेजमेंट सिस्टम) को सुदृढ़ किया जा रहा है. मरीजों को भीड़ से बचाने के लिए इस व्यवस्था के तहत टोकन डिस्प्ले डिवाइस (इलेक्ट्रॉनिक डिस्प्ले डिवाइस) और पब्लिक एड्रेस सिस्टम (माइक) की अधिक प्रभावशाली बनाने पर जोर दिया जा रहा है. ओपीडी सेवाओं में पारदर्शिता और मरीजों को समय पर इलाज उपलब्ध कराने के उद्देश्य से क्यू मैनेजमेंट को ठीक किया जा रहा है.

पंजीयन काउंटर पर दिया जायेगा टोकन

मंगल पांडेय ने कहा कि इस व्यवस्था के तहत ओपीडी पंजीकरण काउंटर पर मरीजों को टोकन नंबर दिया जायेगा. इसमे संबंधित चिकित्सक का नाम अंकित रहेगा. टोकन मिलने के बाद मरीज को अपनी बारी का इंतजार व्यवस्थित तरीके से करने में मदद मिलेगी. नर्सिंग डेस्क और ड्रग डिस्ट्रीब्यूशन काउंटर पर भी टोकन नंबर और संबंधित जानकारी इलेक्ट्रॉनिक डिस्प्ले डिवाइस पर प्रदर्शित की जायेगी. इसके अलावा सभी चिकित्सकों के कक्षों के बाहर उनके नाम और टोकन नंबर प्रदर्शित किए जाएंगे.

ड्रग रेसिस्टेंट की भयावहता को रोकने के लिए वन हेल्थ कार्यक्रम होगा आरंभ

पटना में दवाएं अब बीमारियों के इलाज में बेअसर साबित होने लगी है. एंटीबायोटिक के घडल्ले से इस्तेमाल से आगामी 10 वर्षों में स्थिति भयावह हो सकती है. एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में वर्ष 2014-23 के बीच एंटीबायोटिक दवाओं का रेसिस्टेंट 15 प्रतिशत से बढ़कर अब 25 प्रतिशत तक हो गया है. इस तरह न सिर्फ एंटीबायोटिक दवाएं बल्कि डायरिया, डिसेंट्री, जल जनित बीमारियों की दवाओं में अब ड्रग रेसिस्टेंट पैदा हो रहा है. इसके कारण मानव ही नहीं बल्कि पशुओं के स्वास्थ्य पर भी खतरा पैदा हो रहा है. इसी को ध्यान में रखते हुए वन हेल्थ कार्यक्रम की शुरुआत की जा रही है. इसमें एंटीबायोटिक दाबायटिक रेसिस्टेंट, जल जनित बीमारियों में डायरिया, डिसेंट्री, फ्लोराइड, जिनोटिक बीमारी की दवाओं में होनेवाले रेसिस्टेंट की जांच की जायेगी आइडीएसपी के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डा रणजीत कुमार ने बताया कि मानव स्वास्थ्य पर बेअसर हो रही दवाओं के रेसिस्टेंट की जांच और सर्विलांस को लेकर साझी रणनीति तैयार की जा रही है.

Also Read: प्रोस्टेट व हड्डी के कैंसर मरीजों के लिए राहत भरी खबर, अब IGIMS में होगा एकदम सटीक इलाज

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें

यहां पटना न्यूज़ (Patna News) , पटना हिंदी समाचार (Patna News in Hindi), ताज़ा पटना समाचार (Latest Patna Samachar), पटना पॉलिटिक्स न्यूज़ (Patna Politics News), पटना एजुकेशन न्यूज़ (Patna Education News), पटना मौसम न्यूज़ (Patna Weather News) और पटना क्षेत्र की हर छोटी और बड़ी खबर पढ़े सिर्फ प्रभात खबर पर.

होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version