संवाददाता,पटना
उपयोगिता प्रमाणपत्र (यूसी) का समय से नहीं मिलने का आशय गबन या वित्तीय अनियमितता नहीं होता है.बल्कि यह लेखा संधारण प्रक्रिया का एक नियमित हिस्सा है.विभाग के प्रधान सचिव आनंद किशोर ने मंगलवार को पुराना सचिवालय स्थित अपने कक्ष में यह जानकारी पत्रकारों को दी.दरअसल, नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने अपनी रिपोर्ट में लंबित यूसी बिल को लेकर चिंता जताई थी. उन्होंने लंबित यूसी सर्टिफिकेट और एसी बिल के संदर्भ में कैग की आपत्तियों पर कहा कि लेखा संधारण की प्रक्रिया के अंतर्गत कैग की ओर से इसका संज्ञान लिया जाता है.वहीं,सरकार का प्रयास समय से विपत्र जमा कराने का होता है.अगर इसमें देरी हो रही तो निर्धारित प्रक्रिया के अंतर्गत कार्रवाई भी होती है.हालांकि, बिहार के लिए अच्छी स्थिति यह कि लंबित यूसी की राशि पिछले पांच वर्षों की तुलना में वित्तीय वर्ष 2023-24 में सबसे कम रही है.शेष लंबित विपत्रों को भी समय से जमा कराने के लिए वित्त विभाग अपने स्तर से संबंधित विभागों पर दबाव बनाए हुए है.वित्त विभाग के प्रधान सचिव ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में लंबित यूसी की राशि पिछले पांच वर्षों की तुलना में सबसे कम रही, जो राज्य के वित्तीय अनुशासन की ओर सकारात्मक संकेत है.
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