संवाददाता, पटना ललित कला अकादमी में शनिवार से शुरू हो रही कलाध्वनि फाउंडेशन की लोक कला प्रदर्शनी में युवा कलाकार प्रीतांजलि की मधुबनी पेंटिंग भी प्रदर्शित की जाएगी. यह प्रदर्शनी 2 से 4 अगस्त तक सुबह 11 बजे से शाम 6:30 बजे तक चलेगी. इसका उद्घाटन बिहार संग्रहालय के अपर निदेशक अशोक कुमार सिन्हा करेंगे. बचपन से ही कला के प्रति समर्पित प्रीतांजलि को कोविड महामारी के दौरान मधुबनी पेंटिंग के प्रति विशेष लगाव हुआ. उन्होंने ऑनलाइन कोर्स के माध्यम से इस कला को सीखा और इसे अपना करियर बनाने का फैसला किया. प्रीतांजलि ने बताया कि परिवार के सहयोग और अपने जुनून ने उन्हें इस राह पर आगे बढ़ने का हौसला दिया. उनका मानना है कि बिहार की कला और संस्कृति को बढ़ावा देना उनका कर्तव्य है. प्रीतांजलि अपने कलाकृतियों को सिया संस्कार नाम के सोशल मीडिया हैंडल से साझा करती हैं. यह प्रदर्शनी कलाध्वनि फाउंडेशन द्वारा आयोजित की जा रही है, जो दुनिया के सबसे बड़े लोक कला समूह ”मधुबनी पेंटिंग्स एंड आर्ट ग्रुप” का हिस्सा है. इस समूह में 2,25,000 कलाकार सदस्य हैं. प्रयागराज और नई दिल्ली में सफल प्रदर्शनियों के बाद, अब पटना में यह प्रदर्शनी आयोजित हो रही है, जिसमें मिथिला, पट्टचित्र, गोंड और अन्य भारतीय लोक कलाएं शामिल हैं. इस मौके पर मधुबनी, दरभंगा और पटना जिलों के राष्ट्रीय और राज्य पुरस्कार विजेता मिथिला कलाकार भी मौजूद रहेंगे. प्रदर्शनी के आयोजक, समूह के निदेशक सुदीप श्रीवास्तव और स्मृति श्रीवास्तव ने बताया कि इसका उद्देश्य भारतीय लोक कलाओं को लोगों तक पहुंचाना और कलाकारों को एक मंच प्रदान करना है.
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