संवाददाता, पटना
पुलिस मुख्यालय रख रही नजर
सूत्रों के मुताबिक, पुलिस आयकर विभाग की मदद से आरोपितों के बैंक खाते, संपत्ति और निवेश की जांच कर रही है़ संदेह है कि अपराध से अर्जित धन को वैध रूप देने की कोशिश की गई है़ अगर जांच में पुष्टि होती है, तो पीएमएलए (मनी लांड्रिंग रोकथाम अधिनियम) के तहत मुकदमा दर्ज किया जाएगा और संपत्ति जब्त करने की प्रक्रिया भी शुरू हो सकती है़ चूंकि वे विधायक हैं, इसलिए मुकदमा विशेष एमपी-एमएलए कोर्ट में दर्ज हो तो कोई चौंकने वाली बात नहीं होगी.
दस्तावेजों की पुष्टि के बाद और भी खुलेंगे राज
बरामद दस्तावेजों की जांच निबंधन कार्यालय को सौंपने की भी बात सामने आ रही है. दस्तावेज की सत्यता के आधार पर न केवल पुलिस की कार्रवाई मजबूत होगी, बल्कि संभव है कि निबंधन विभाग खुद एक और प्राथमिकी दर्ज करे, जिसमें कुछ नए नाम भी सामने आ सकते हैं. पुलिस मुख्यालय के सूत्रों का कहना है कि सूचना लीक करने वाले सरकारी कर्मचारी और रीतलाल के मददगार राजस्व विभाग के कुछ अधिकारी-कर्मचारी भी अभियुक्त बनाए जा सकते हैं. इस पूरे मामले में अब तक हुई कार्रवाई को लेकर सिटी एसपी पश्चिमी आर एस सरथ ने शनिवार शाम प्रभात खबर को जानकारी दी कि अभी तक दर्ज केस के आधार पर हम आगे की कार्रवाई कर रहे हैं.
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