संवाददाता, पटना राज्य में कैथी लिपि के अभिलेखों का देवनागरी में अनुवाद होगा. इससे ऐतिहासिक अभिलेख अब आम जनता के लिए सुलभ होंगे. इसे लेकर शुक्रवार को राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के सचिव जय सिंह और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत डिजिटल इंडिया भाषिणी डिवीजन (डीआइबीडी) के सीइओ अमिताभ नाग ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया. इसके तहत एआइ के माध्यम से कैथी लिपि में लिखे गये पुराने अभिलेखों का देवनागरी में लिप्यंतरण किया जायेगा. इस कार्यक्रम का आयोजन मुख्य सचिवालय स्थित सभागार में किया गया था. कार्यक्रम के दौरान मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने कहा कि ये बेहद ही सराहनीय शुरुआत है. ये भविष्य में सभी विभागों के लिए एक अच्छा कदम साबित होगा. सभी विभाग भाषिणी के माध्यम से कनेक्ट हो सकेंगे. इसके साथ ही शिक्षा, समाज कल्याण, पर्यटन विभाग को इस सुविधा का इस्तेमाल कर लाभान्वित होने का पूरा मौका है. मुख्य सचिव ने कहा कि अब प्रशासनिक एवं अन्य समस्याओं के लिए तकनीकी समाधान निकाले जा सकते हैं. विशेष सर्वेक्षण में मिलेगी मदद राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने कहा कि यह पहल विशेष सर्वेक्षण की वर्तमान प्रक्रिया में भी सहायक होगी. अधिकतर पुराने कैडस्ट्रल एवं पुनरीक्षण सर्वे अभिलेख कैथी लिपि में हैं, जिन्हें पढ़ने में काफी कठिनाई हो रही है. वहीं, डिजिटल इंडिया भाषिणी डिवीजन के सीइओ अमिताभ नाग ने कहा कि भाषा किसी भी चीज में बाधा न रहे, इस पर जोर दिया जा रहा है. कार्यशाला का आयोजन कार्यक्रम के बाद राजस्व सर्वे प्रशिक्षण संस्थान में डीआइबीडी की तरफ से राज्यम कार्यशाला का आयोजन किया गया. इसमें विभिन्न तकनीकी विशेषज्ञों, अधिकारियों के साथ विभिन्न विभागों के कर्मियों ने भाग लिया. कार्यशाला में ज्ञान साझा करने, क्षमता निर्माण और भाषिणी के भाषा प्रौद्योगिकी ढांचे को राज्य विभागों में एकीकृत करने की योजना पर चर्चा की गयी. कार्यशाला को राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने संबोधित किया. ये रहे मौजूद : एमओयू कार्यक्रम में सामान्य प्रशासन विभाग के अपर मुख्य सचिव बी राजेंदर, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की अपर मुख्य सचिव हरजोत कौर बम्हरा समेत सभी विभागों के आला अधिकारी मौजूद रहे.
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