संवाददाता,पटना जेडी वीमेंस कॉलेज के हिंदी विभाग, ज्योतिपुंज और साहित्य चौपाल के संयुक्त सहयोग में माटीबेचवा कविता संग्रह का विमोचन सह परिचर्चा का आयोजन किया गया. इस अवसर पर मुख्य-अतिथि चर्चित कथाकार शिवदयाल ने कहा कि आज हमारी धरती पर सबसे अधिक प्रकृति और स्त्री का नुकसान हो रहा है. इसलिए हमारी युवा पीढ़ी को जागरूक होने की जरूरत है. उन्होंने प्रकाश से उत्पन्न प्रदूषण का जिक्र किया. कुमार मंगलम रणवीर के सम्पादन में प्रकाशित माटीबेचवा पुस्तक को समय की जरूरत बताया. गोविन्द गुंजन की कविता वसंत में प्रेम,ज्योति रीता की कविता कीचड़ के कवि, मंगलम की कविता वृक्ष को सराहा. वरिष्ठ कवि आलोक धन्वा ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में माटिबेचवा पुस्तक के विविध पक्षों पर प्रकाश डाला. विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित ज्योतिपुंज फाउंडेशन के संरक्षक डॉ अभिषेक सिंह ने बताया कि साहित्य हर समाज का प्रतिबिम्ब खींचता है. राष्ट्र को समावेशी विकास के साथ आगे बढ़ना होगा, जहां प्रकृति और मनुष्य में सामंजस्य स्थापित हो. इस अवसर पर कॉलेज की प्राचार्या प्रो मीरा कुमारी, हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो रेखा मिश्र ने अपने विचारों को रखा. मंच संचालन कुमार मंगलम रणवीर और धन्यवाद ज्ञापन डॉ. आभा रानी ने किया. मौके पर डॉ सुषमा, डॉ मृणाल, डॉ रेशमा, डॉ अमित, डॉ शेलू, डॉ स्वाति, डॉ मीनाक्षी, डॉ कात्यायनी, डॉ नलनीरंजन, डॉ पीयूष के साथ-साथ छात्राएं उपस्थित रहीं.
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