पिछले साल चिंटू की हुई थी गिरफ्तारी
बता दें, जांच एजेंसियों को शक है कि नीट पेपर लीक मामले में संजीव मुखिया का अहम रोल है. 11 मई 2024 को इस मामले में झारखंड के देवघर से 6 लोगों की गिरफ्तारी हुई थी. उनमें चिंटू भी शामिल था. चिंटू संजीव मुखिया का रिश्तेदार बताया जाता है. जानकारी के अनुसार, नीट के प्रश्नपत्र और उसके जवाब की पीडीएफ फाइल 5 मई की सुबह चिंटू के वाट्सऐप पर ही आया था. लर्न एंड प्ले स्कूल में रखे गए वाईफाई प्रिंटर से उसका प्रिंट लिया गया और अभ्यर्थियों को रटाया गया था.
बिहार सिपाही भर्ती परीक्षा लीक का भी आरोपी
NEET पेपर लीक का मास्टरमाइंड संजीव मुखिया बिहार के नालंदा जिले के नगरनौसा गांव का रहने वाला है. उसे लोग लूटन मुखिया के नाम से भी बुलाते हैं. पहली बार उसका नाम साल 2010 में ब्लूटूथ डिवाइस का इस्तेमाल करके छात्रों को नकल कराने में सामने आया था. 2016 के बिहार सिपाही भर्ती परीक्षा लीक मामले में भी संजीव मुखिया का नाम सामने आ चुका है. इसके अलावा भी वह कई पेपर लीक मामले में आरोपी रहा है.
7 अप्रैल 2025 को सरकार ने घोषित किया था इनाम
7 अप्रैल 2025 को बिहार सरकार ने नीट पेपर लीक मामले में फरार संजीव मुखिया पर 3 लाख का इनाम घोषित किया था. संजीव मुखिया की तलाश में आर्थिक अपराध इकाई ने बिहार के अलग-अलग जिलों में छापेमारी की थी. बिहार से अलग दूसरे राज्यों में भी इकाई ने इसकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की थी. लेकिन, उसका कहीं पता नहीं चल पा रहा था.
पत्नी लड़ चुकी है विधानसभा का चुनाव
ग्रामीणों ने बताया कि संजीव मुखिया ने पैसे के बल पर अपनी राजनीतिक पहचान बनाई और अपनी पत्नी ममता कुमारी को लोक जनशक्ति पार्टी से जेडीयू के खिलाफ हरनौत विधानसभा से चुनाव भी लड़ाया. हालांकि इस चुनाव में उनकी पत्नी को करारी हार भी मिली.
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