इस वर्ष 26 जनवरी को विद्या की अधिष्ठात्री मां सरस्वती की पूजा और गणतंत्र दिवस दोनों एक ही दिन पड़ रहे हैं. एक तरफ देश भक्ति और दूसरी तरफ सरस्वती पूजा से पूरा माहौल भक्तिमय रहने की उम्मीद है. दोनों ही पर्व पूरे धूमधाम से एक साथ मनाया जायेगा. दोनों पर्व को लेकर छात्रों और युवाओं में अभी से ही उत्साह नजर आ रहा है.
देश भक्ति आधारित मां सरस्वती की प्रतिमा की डिमांड
खासकर देश भक्ति आधारित मां सरस्वती की प्रतिमा को बनाने के लिए छात्रों की विशेष मांग है. इनके इसी मांग को लेकर मूर्तिकार सरस्वती मां की प्रतिमा को बना रहे है. मूर्तिकार द्वारा फहरते तिरंगा के साथ मां की प्रतिमा हो या फिर तिरंगे के साथ प्रतिमा का निर्माण किया जा रहा है. इस बार मां सरस्वती की पूजा का असर गणतंत्र दिवस पर पड़ सकता है. क्योंकि इस दिन अधिकांश छात्र-छात्राएं पूजा की तैयारियों में जुटे रहने की संभावना है.
भारतीय परिधान और परिवेश की प्रतिमा की डिमांड
इसके अलावा शुद्ध भारतीय परिधान और परिवेश की प्रतिमा की भी मांग के अनुसार निर्माण किया जा रहा है. एक बार फिर से कोरोना की आहट को ध्यान में रखकर ऐसे थीम वाली भी मूर्ति बनाया जा रहा है. पिछले दो वर्ष की तुलना में मूर्तिकार को इस बार बाजार की स्थिति ठीक रहने और मूर्तियों की अच्छी कीमत मिलने की उम्मीद है. जिस प्रकार महंगाई बढ़ी है, वैसे में बाजार में 11 सौ से लेकर 8 हज़ार तक की कीमत वाली मूर्ति का निर्माण जोरों से मूर्तिकार द्वारा किया जा रहा है.
सरस्वती पूजा को लेकर शांति समिति की बैठक आयोजित की गयी
रविवार की दोपहर नगर थाना परिसर में शांति समिति की बैठक आयोजित की गयी. बैठक की अध्यक्षता नगर थानाध्यक्ष जयप्रकाश पंडित ने किया. बैठक में मुख्य रूप से 26 जनवरी को होने वाली सरस्वती पूजा के सफल आयोजन के लिए विचार विमर्श किया गया. बताया जाता है कि राष्ट्रीय पर्व 26 जनवरी और सरस्वती पूजा एक साथ पड़ा है. ऐसी स्थिति में मां सरस्वती का पूजन और विसर्जन का समापन प्रेम , भाईचारा और सौहार्द के साथ करने पर विचार विमर्श किया गया. इस संदर्भ में नगर थानाध्यक्ष द्वारा आयोजकों से आयोजन स्थल तथा आयोजक का विवरण और तीन फोटो आवेदन के साथ मांगा गया.
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सरस्वती पूजा आयोजन के लिए लेना होगा लाइसेंस, नहीं बजेगा डीजे
बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि एक ही दिन यानी 28 जनवरी शनिवार को प्रतिमाओं का विसर्जन कर दिया जाए. थानाध्यक्ष ने आयोजकों से कहा कि सरकारी निर्देशों का निश्चित रूप से पालन किया जाना चाहिए. पूजा का आयोजन करने वाले लोगों को लाइसेंस लेना अनिवार्य हैं. विसर्जन में अश्लील गाना तथा डीजे का प्रयोग नहीं होगा. मूर्ति का विसर्जन सूर्यास्त के पूर्व सुनिश्चित किया जाना चाहिए. बैठक में शांति समिति के सदस्य उपस्थित थे.
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