सीतामढ़ी के कलाकारों से सजी फिल्म’1000 किमी’, फिल्म की कहानी पढ़कर रो पड़ेंगे आप

फिल्म का नाम है '1000 किमी'. फिल्म आगामी नौ मार्च को प्रदर्शित होने जा रही है. आठ व नौ मार्च को आयोजित होने वाले दो दिवसीय जागरण फिल्म फेस्टिवल में फिल्म की स्क्रीनिंग व नौ मार्च को प्रदर्शित की जाएगी.

By RajeshKumar Ojha | March 6, 2025 9:14 PM
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सीतामढ़ी में मां जानकी की जन्मभूमि, सीतामढ़ी जिले के युवाओं ने हाल के दशक में अनेक क्षेत्रों में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है. कला के क्षेत्र में भी कुछ वर्षों में कई होनहार युवाओं ने कामयाबी हासिल की है. अब यहां के नवोदित कलाकारों ने कोरोना काल के दौरान दिल्ली में रहने वाले सीतामढ़ी या अन्य जिलों के लोगों को किस तरह साइकिल, बाइक और पैदल ही पलायन करना पड़ा. इस दौरान उन्हें किन-किन परेशानियों से गुजरना पड़ा.

फिल्म की कहानी पढ़कर रो पड़ेंगे

इसी हृदय स्पर्शी घटनाओं पर एक हिंदी फिल्म बना डाली है. फिल्म का नाम है ‘1000 किमी’. फिल्म आगामी नौ मार्च को प्रदर्शित होने जा रही है. आठ व नौ मार्च को आयोजित होने वाले दो दिवसीय जागरण फिल्म फेस्टिवल में फिल्म की स्क्रीनिंग व नौ मार्च को प्रदर्शित की जाएगी. इस फिल्म को नयी दिल्ली फिल्म फेस्टिवल के लिए चयनित किया गया है. फिल्म की संवाद लेखिका, गीतकार व पार्श्व गायिका स्मृति सिंह हैं. वह नगर के रिंग बांध स्थित सरस्वती विद्या मंदिर की छात्रा रही हैं.

फिल्म का नाम 1000 किलोमीटर क्यों?

स्मृति ने बताया कि जिलेवासियों के लिए यह गर्व की बात है कि कोरोना महामारी की त्रासदी पर आधारित यह फिल्म राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सवों में अपनी खास पहचान बना रही है. दरअसल, दिल्ली से सीतामढ़ी की दूरी करीब एक हजार किमी है. इस कारण फिल्म का नाम 1000 किलोमीटर रखा गया है. फिल्म में कोरोना के कारण हुए पलायन को बड़ी खूबसूरती व हृदय स्पर्शी तरीके से दर्शाया गया है. लोगों को जिन असामान्य स्थितियों से गुजरना पड़ा, उन सभी पहलुओं को बड़े पर्दे पर प्रदर्शित करना फिल्म का उद्देश्य है.

फिल्म में देवाधिदेव महादेव पर आधारित एक अति सुंदर धार्मिक गीत भी फिल्माया गया है. जिसे प्रसिद्ध पार्श्व गायक कैलाश खेर ने आवाज दी है. फिल्म के निर्माता और निर्देशक मुकेश कुमार आर्य हैं.  उनकी प्रारंभिक शिक्षा जवाहर नवोदय विद्यालय, सीतामढ़ी से हुई है. फिल्म के मुख्य किरदार निभा रहे आर्यन रजक भी सीतामढ़ी के मूलनिवासी हैं. स्मृति ने बताया कि सीतामढ़ी के कई अन्य कलाकारों ने भी फिल्म में छोटी-बड़ी भूमिका में काम किया है.

सीतामढ़ी को केंद्र में रखकर बनी इस फिल्म को जल्द ही बड़े पर्दे पर दर्शकों के लिए रिलीज किया जाएगा. गीतकार व पार्श्व गायिका स्मृति का पैतृक गांव पड़ोसी शिवहर जिले का बसंत जगजीवन है. उनके पिता अवनींद्र प्रसाद सिंह एसआरकेजी कॉलेज, सीतामढ़ी में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर रह चुके हैं.

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