कैंडिडेट के क्रिमिनल रिकॉर्ड नहीं बताने वाली पार्टियों पर SC सख्त, कहा- ‘पॉलिटिकल सिस्टम बदलना होगा’

supreme court news in hindi: बिहार चुनाव के दौरान राजनीतिक पार्टियों की ओर से अपने कैंडिडेट के अपराधिक जानकारी सार्वजनिक नहीं करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि हमें राजनीतिक सिस्टम को बदलना पड़ेगा

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 20, 2021 5:11 PM
an image

बिहार चुनाव के दौरान राजनीतिक पार्टियों की ओर से अपने कैंडिडेट के आपराधिक जानकारी सार्वजनिक नहीं करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि हमें राजनीतिक सिस्टम को बदलना पड़ेगा. वहीं कैंडिडेट के बारे में जानकारी नहीं देने वाली पार्टियों की ओर से कोर्ट में माफी मांगी गई. कोर्ट ने इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया है.

जानकारी के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट में आज बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान राजनीतिक दलों की ओर से कैंडिडेट की अपराधिक जानकारी सार्वजनिक तौर पर जारी नहीं करने के मामले में सुनवाई हुई. सुनवाई में एनसीपी की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल, चुनाव आयोग की ओर से हरीश साल्वे और एमकिस क्यूरी के विश्वनाथन मौजूद रहे.

कोर्ट ने की तल्ख टिप्पणी– लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमें पॉलिटिकल सिस्टम के स्ट्रक्चर को बदलने पर काम करना चाहिए. कोर्ट ने सुनवाई के दौरान पूछा कि क्या चुनाव में पैसा का कोई अहम रोल नहीं होता है? वहीं कपिल सिब्बल ने कोर्ट से कहा कि क्या नियम पालन नहीं करने पर राष्ट्रीय पार्टी का चुनाव चिह्न फ्रीज कर लिया जाएगा?

सुनवाई के दौरान सीपीएम की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील पीवी सुरेंद्रनाथ ने कहा कि मुझे इसके लिए खेद है. हम राजनीति में अपराधीकरण नहीं करना चाहते है. वहीं बसपा की ओर से पेश वकील दिनेश द्विवेदी ने कहा कि हमने कैंडिडेट को पार्टी से निकाल दिया है. इधर, चुनाव आयोग के वकील विकास सिंह ने बताया कि राजद ने 103, बीजेपी 77 और जेडीयू ने 56 कैंडिडेट के आपराधिक विवरण दिया है.

चुनाव आयोग की भूमिका पर सवाल– सुनवाई के दौरान एनसीपी की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि चुनाव आयोग की भूमिका इलेक्शन के वक्त एकतरफा हो जाती है. सिब्बल ने कहा कि आयोग सिर्फ एक पार्टी के नेताओं पर कार्रवाई करती है. इस पर भी विचार होनी चाहिए. वहीं आयोग की ओर से हरीश साल्वे ने कहा कि नियम तोड़ने वाली पार्टियों पर सख्त कार्रवाई हो, ना कि एक रुपये फॉर्मेट वाला जुर्माना लगाया जाना चाहिए.

Also Read: बिहार में अब कोरोना के मरीजों की होगी टीबी के लक्षणों की जांच, दोनों बीमारियों में मिले बहुत-से समान लक्षण

Posted By : Avinish Kumar Mishra

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें
होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version