आरटीपीजीआर में सुनवाई के बाद 10 लाख रुपये की बीमा राशि मिली संवाददाता,पटना लोक शिकायत निवारण की मदद से जवान बेटे को खो चुके पिता को न्याय मिला है.यह मामला पटना के अनिसाबाद में रहने वाले कामेश्वर प्रसाद आर्य का है. बीमा कंपनी से निराश होने के बाद उन्होंने लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम (आरटीपीजीआर) का सहारा लिया और इसके बाद उन्हें न्याय मिला. दरअसल, श्री आर्य के पुत्र प्रभात शंकर, बख्तियारपुर प्रखंड में पंचायत रोजगार सेवक के पद पर कार्यरत थे और 14 अगस्त, 2023 को ड्यूटी पर जाते समय रेल दुर्घटना में उनकी मृत्यु हो गयी.दुख की इस घड़ी में, परिवार को एकमात्र सहारा बीमा ही था.कर्माचारियों को इस तरह की सुविधा देने का प्रावधान बिहार रूरल डेवलपमेंट सोसायटी (बीआरडीएस) और एचडीएफसी बैंक के बीच हुए समझौते में किया गया था. कामेश्वर प्रसाद ने समय पर बीमा दावा प्रस्तुत किया, लेकिन महीनों तक कोई सुनवाई नहीं हुई.आरटीपीजीआर में सुनवाई के बाद उन्हें 10 लाख रुपये की बीमा राशि मिली. लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम (आरटीपीजीआर) के माध्यम से बिहार में हर दिन अनेकों जन-समस्याओं का समाधान किया जा रहा है.बिहार में गवर्नेंस एवं प्रशासनिक सुधार के क्षेत्र में न्याय के साथ विकास के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विजन को यह अधिनियम साकार कर रहा है.यह अधिनयम पांच जून, 2016 को राज्य में लागू किया गया था, अब तक इसके जरिए 17 लाख लोगों को न्याय मिल चुका है.
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