संवाददाता, पटना जदयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने गुरुवार को कहा है कि महागठबंधन की तथाकथित एकता दरअसल स्वार्थ और अवसरवाद की कमजोर नींव पर टिकी हुई है. दिखावटी बैठकों से कोई ठोस परिणाम नहीं निकलने वाला क्योंकि जनता अब विपक्ष की असलियत को भली-भांति पहचान चुकी है. यह किसी से छिपा नहीं है कि जनहित के बजाय निजी स्वार्थ ही महागठबंधन की सर्वोच्च प्राथमिकता रही है.श्री कुशवाहा ने कहा कि कांग्रेस और राजद को लंबे समय तक बिहार की सत्ता संभालने का अवसर मिला. इसके बावजूद राजनीतिक विडंबना यह रही कि दोनों ही दल अपने कार्यकाल की उपलब्धियों पर चर्चा करने से हमेशा बचते रहे. सत्ता में रहते हुए इन्होंने जनता के हितों की चिंता करने के बजाय अपनी तिजोरी भरने में अधिक रुचि दिखायी.
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