किस तरह से कम हो रही प्रति व्यक्ति जल उपलब्धता
जल संसाधन विभाग द्वारा नेशनल वाटर मिशन (न्यूएम) के तहत राज्य में जल साधन की उपलब्धता, विकास और उसके प्रबंधन पर आइआइटी पटना के माध्यम से अध्ययन कराया गया है. इसकी अंतरिम रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2001 में राज्य में प्रति व्यक्ति सतही जल की उपलब्धता 1594 घन मीटर थी, जो वर्ष 2017 में घटकर 1213 घन मीटर रह गयी. रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2025 में प्रति व्यक्ति जल की उपलब्धता 1006 घन मीटर और वर्ष 2050 में 635 घन टर हो जायेगी जो, जल संकट की श्रेणी में आता है.
भूजल सुरक्षित क्षेत्र 929 वर्ग किमी बढ़ा
जल संसाधन मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में बिहार राज्य में जल-जीवन-हरियाली अभियान और सात निश्चय-2 सहित कई कार्यक्रमों का क्रियान्वयन किया जा रहा है. जिस कारण से सुरक्षित भूजल स्तर क्षेत्र में बढ़ोतरी हुई है. उन्होंने कहा कि जल शक्ति मंत्रालय द्वारा जारी वर्ष 2024 की रिपोर्ट के अनुसार राज्य के सुरक्षित भूजल स्तर क्षेत्र का इलाका 929 वर्ग किमी की बढ़ोतरी हुई है. रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2023 में बिहार का सुरक्षित क्षेत्र 81260 वर्ग किमी था, जो बढ़कर इस वर्ष 82189 वर्ग किमी क्षेत्र हो गया है.
सरप्लस जल के प्रबंधन की योजना
जल संसाधन मंत्री ने कहा कि बिहार बाढ़ के समय के सरप्लस जल को जल संकट वाले क्षेत्रों में भेजने की योजना पर काम चल रहा है. प्रथम चरण में बाढ़ के समय के अधिशेष जल को गया, बोधगया, राजगीर और नवादा शहरों में 4515 करोड़ की लागत गंगा जल की आपूर्ति की जा रही है. द्वितीय चरण में बिहार शरीफ को भी गंगा जल उपलब्ध करवाने के लिए 1110 करोड़ की राशि से मधुवन जलाशय का निर्माण चल रहा है.
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