इन नदियों का किया गया सर्वे
बता दें कि, ये वाटर मेट्रो उत्तर बिहार को पटना मेट्रो के NIT स्टेशन से जोड़ने वाली है. जिससे कहीं ना कहीं पटना में लगने वाले ट्रैफिक से लोगों को छुटकारा मिलेगा. बता दें कि, वाटर मेट्रो पर्यटन की दृष्टि से भी बेहद खास होने वाला है. इस मामले में बड़ी खबर यह भी सामने आई है कि, केरल की कोच्चि मेट्रो रेल लिमिटेड की तीन अधिकारी पटना आए थे. करीब चार दिन तक वाटर मेट्रो के प्रोजेक्ट पर काम किया गया. कई नदियों का सर्वे किया गया. जिनमें उत्तर भारत के गंडक, सोनपुर, हाजीपुर, कोनहरा, दानापुर, दीघा, बिदुपुर, गायघाट और पहलेजा घाट जैसे जल क्षेत्र शामिल हैं. जिसके बाद अब जल्द ही इसकी शुरूआत भी हो सकती है.
वाटर मेट्रो की खासियत और किराया
वहीं, वाटर मेट्रो के खासियत की बात की जाए तो, मेट्रो रेल सिस्टम को आधुनिक सुविधाओं से लैस है. साथ ही पर्यावरण के हिसाब से तैयार किया गया है. इसके अलावा इसका डिजाइन भी टिकाऊ है. करीब 100 यात्री एक साथ इस पर सफर कर सकते हैं. हालांकि, 50 यात्रियों के ही बैठने की जगह होगी. वाटर मेट्रो की अच्छी क्षमता होने के कारण इस पर 50 यात्री खड़े होकर भी सफर कर सकते हैं. इसके अलावा वाटर मेट्रो के किराए को लेकर जानकारी सामने आई है कि, वाटर मेट्रो का भाड़ा दिल्ली मेट्रो से कम ही होगा. यहां वाटर मेट्रो का किराया 20 से 40 रुपए रहेगा. बता दें कि, दिल्ली मेट्रो का अधिकतम किराया 60 रुपए है, लेकिन वॉटर मेट्रो का अधिकतम किराया ही 40 रुपए ही होगा.
वाटर मेट्रो के जरिये इन शहरों को जोड़ा जायेगा
वहीं, वाटर मेट्रो के जरिये कई शहरों को जोड़ने की बात भी कही गई है. खबर की माने तो, वॉटर मेट्रो की योजना की शुरुआत गंडक से चलाकर होगी. बिहार के अलावा उत्तर प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, महाराष्ट्र जैसे राज्यों में भी वॉटर मेट्रो की शुरुआत होगी. इन राज्यों के कुछ शहर प्रयागराज, वाराणसी, अयोध्या, गांधी नगर, श्रीनगर, जम्मू कश्मीर, बंगाल, गोवा, असम के ढुबरी व गुवाहाटी, मंगलुरु, कर्नाटक, महाराष्ट्र के मुंबई व वसई, अंडमान निकोबार, लक्षद्वीप भी शामिल हैं. ऐसे में एक और बड़ी सौगात पटनावासियों को मिलने वाली है.
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