पटना सिटी. नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल के हड्डी रोग विभाग में भर्ती 60 वर्षीय महिला मीना देवी की मौत पर परिजनों का गुस्सा फूट पड़ा. सोमवार की सुबह लगभग सात बजे आक्रोशित परिजनों ने विभाग में हंगामा किया. परिजनों का आरोप था कि जूनियर चिकित्सक ने अस्पताल के गार्ड और कर्मियों के साथ मिल कर मारपीट की. इसी बीच हंगामा की सूचना पर आलमगंज थाना की पुलिस पहुंची और आक्रोशित परिजनों को समझा बुझा कर मामले को शांत कराया. आलमगंज थाना पुलिस का कहना है कि परिवार वाले लाश लेकर चले गये हैं. लिखित नहीं दी है.
चौक थाना के चमडोरिया ढाल मुहल्ला निवासी मृतक महिला के पुत्र सतीश कुमार ने बताया कि मां मीना देवी का पैर टूटने के बाद अस्पताल के आर्थो विभाग में आठ मई को भर्ती कराया गया था. चिकित्सकों ने बुधवार को मां के ऑपरेशन की डेट निर्धारित की थी. इसी बीच सोमवार को तड़के मां की तबीयत बिगड़ने पर मौत हो गयी थी. परिजनों का आरोप है कि उपचार में भी कोताही बरती गयी थी.
परिजनों का आरोप है कि अस्पताल के जूनियर डॉक्टर व गार्ड पिटाई से परिजन जख्मी हो गये. जख्मी का अस्पताल में उपचार नहीं किया गया. निजी उपचार केंद्र में भाई का उपचार कराया. परिजनों का आरोप है कि उपचार के नाम पर राशि की मांग भी चिकित्सक कर रहे थे.
उपचार में नहीं हुई कोई कोताही: विभागाध्यक्ष
हड्डी रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ प्रो ओम प्रकाश ने बताया कि मरीज का बुधवार को ऑपरेशन कर कूल्हे का वॉल बदलना था. इसी बीच मरीज की मौत हो गयी. उपचार में किसी तरह की लापरवाही नहीं हुई है. अस्पताल के अधीक्षक डॉ प्रो रश्मि प्रसाद ने कहा कि मौत के बाद मृत्यु प्रमाणपत्र भी दिया जाता. इसको लेकर परिजनों ने हंगामा किया. अधीक्षक ने कहा कि परिजनों के आरोपों की जांच भी करायी जायेगी. अस्पताल में जूनियर चिकित्सकों के द्वारा तीमारदारों के साथ मारपीट और हाथापाई करने का मामला नया नहीं है. इससे पहले भी परिजनों ने जूनियर चिकित्सकों पर आरोप लगाया है.
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