Purnia news : स्मार्ट क्लास से स्मार्ट बन रहे विद्यार्थी

Purnia news : उन्नयन लाइव क्लास से कोई भी मोबाइल, टीवी अथवा स्कूल की कक्षा में कहीं से भी जुड़ सकता है.

By Sharat Chandra Tripathi | August 22, 2024 7:55 PM
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Purnia news : शिक्षा को सहज, सुलभ और बहुपयोगी माध्यम से जोड़कर उसे विस्तार देने में स्मार्ट क्लास उन्नयन कक्षा के प्रयोग ने शिक्षण के कार्य को एक नयी दिशा दी है. इसके तहत विभिन्न सरकारी विद्यालयों में बड़े-बड़े स्क्रीन वाले स्मार्ट टीवी सेट पर विजुअल माध्यम से बच्चों की पढ़ाई को सुलभ बनाने की कोशिश की गयी है. इससे बच्चों के लिए यह तकनीक रुचिकर तो हुई ही साथ ही स्कूलों में शिक्षकों की कमी भी दूर हुई. इसी अभियान को और आगे बढाते हुए अगली कड़ी में छात्रों को इंजीनियरिंग तथा मेडिकल की भी तैयारी करायी जा रही है, ताकि यहां के बच्चों को कोटा या दूसरे प्रदेश जाने की जरूरत न पड़े. करीब सवा साल पहले पूर्णिया के डीएम कुंदन कुमार की पहल पर सरकारी स्कूलों में शुरू किया गया उन्नयन बिहार पूर्णिया लाइव क्लासेस गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की दिशा में एक नजीर बन गया है. इस विशेष अभियान से जिले में शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर परिणाम तब सामने आया, जब इस वर्ष बिहार दसवीं की बोर्ड परीक्षा में स्टेट टॉपर के रूप में पूर्णिया के शिवम कुमार का नाम सुर्खियों में आया. इस स्मार्ट क्लासेस का लाभ न केवल स्कूली छात्रों को मिल रहा है, बल्कि दूर दराज और दूसरे प्रदेशों में रह रहे छात्र भी यूट्यूब, फेसबुक के माध्यम से इसका लाभ उठा रहे हैं. उन्नयन क्लासेज के लिए सोशल मीडिया पर इसकी व्यूअरशिप 11.7 मिलियन पार गयी है. यह सब इतना आसान नहीं था. एक उन्नत सोच के साथ-साथ इन कक्षाओं के संचालन में तकरीबन 100 से भी ज्यादा लोगों की कड़ी मेहनत का प्रतिफल है यह उन्नयन लाइव क्लासेज.

जिला स्कूल परिसर में बना उन्नयन क्लासेस का स्टूडियो

लाइव क्लासेस के लिए जिला स्कूल स्थित उन्नयन क्लासेस में स्टूडियो बनाये गये, जहां से मोबाइल कैमरे के सामने खड़े होकर शिक्षक-शिक्षिकाएं दूर कक्षाओं या घरों में बैठे बच्चों को स्मार्ट टीवी अथवा मोबाइल पर पाठ्यक्रम और विषय को समझाते हैं. साथ ही एक दिन पूर्व तैयार पीपीटी को बड़े से स्क्रीन पर दिखाते हुए भी समझाते हैं. इस बीच बच्चे सवालों को संदेशों के माध्यम से लाइव क्लासेज तक भेजते हैं, जिसे सहयोगी शिक्षक कैमरे के सामने पढ़ा रहे शिक्षक अथवा शिक्षिका तक पहुंचाते हैं. फिर संबंधित शिक्षक जवाब देते हैं. पीपीटी यानि पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन मेटेरियल जिसकी तैयारी एक दिन पूर्व ही कर ली जाती है, इसके लिए भी एक्सपर्ट की टीम अपना योगदान देती है. कैमरे को फेस करने में शिक्षक-शिक्षिकाओं ने भी बेहद परिश्रम किया है. शिक्षिका एवं कंटेंट टीम की सदस्या शगूफा फिरदौस ने बताया कि लाइव क्लास के लिए सभी शिक्षक और शिक्षिकाओं ने कड़ी मेहनत की है. अब लगभग सभी कैमरे के आगे अभ्यस्त हो चुके हैं. स्कूली बच्चे भी तकनीकी जानकारियों से लैस हो गये हैं. निर्धारित समय पर सभी लाइव क्लासेज में उपस्थित रहते हैं.

पढ़ाई के साथ-साथ समाधान भी

लाइव क्लासेस की शुरुआत ने शिक्षण व्यवस्था का परिदृश्य ही बदल डाला है. बच्चों के अलावा उच्च कक्षाओं के लिए विभिन्न विषयों के लाइव क्लासेस ने मैट्रिक एवं इंटर प्लस टू की कक्षाओं के बच्चों के लिए पठन-पाठन की शैली को बिल्कुल आधुनिक बना दिया. स्कूलों में इन लाइव कक्षाओं के लिए इंटरनेट के साथ-साथ बिजली की स्थायी तथा वैकल्पिक व्यवस्था की गयी, ताकि पाठ्यक्रम का कोई भी भाग बिजली नहीं रहने की वजह से छूटे नहीं. इससे कई फायदे हुए. लाइव कक्षा के दौरान छात्र-छात्राएं अपनी समस्या को संदेशों के माध्यम से पढ़ा रहे शिक्षक अथवा शिक्षिकाओं तक पहुंचाने लगे, जिसपर लगे हाथों उसका समाधान भी उन्हें उसी समय मिलने लगा. दूसरा एक ही जगह से तमाम विद्यालयों में शिक्षण व्यवस्था की मॉनीटरिंग भी आसान हो गयी.

2019 में शुरू हुआ था उन्नयन बिहार कार्यक्रम

वर्ष 2019 के आखिरी महीने में बिहार सरकार ने उन्नयन बिहार कार्यक्रम के माध्यम से शिक्षा के क्षेत्र में इस नये बदलाव की शुरुआत की थी. इसके बाद के वर्षो में सबसे पहले कक्षा 9 वीं की पढ़ाई सूबे के लगभग तीन हजार विद्यालयों में शुरू की गयी थी. उन्नयन बिहार के जरिये छात्र-छात्राओं को ऑनलाइन स्मार्ट क्लास कराया जाता है. वर्तमान समय में लगभग नौ हजार माध्यमिक व उच्च माध्यमिक विद्यालयों में इसका संचालन किया जा रहा है. फिलवक्त 87 शिक्षक रोटेशन के आधार पर (40 मिनट प्रति क्लास) क्लास लेते हैं. इसमें मुख्य कोर्स (अप्रैल से दिसंबर), क्रैश कोर्स (दिसंबर से जनवरी), टेस्ट सीरीज के साथ-साथ मॉक टेस्ट को भी शामिल किया गया है. इसके सोशल मीडिया लिंक से कोई भी स्टूडेंट कहीं से भी फेसबुक एवं यूट्यूब के जरिए जुड़कर बिलकुल मुफ्त में क्लास कर सकता है.

10 वीं बोर्ड में टॉप 10 बच्चों का प्रतिशत 88 प्रतिशत रहा

डीपीओ सर्वशिक्षा कौशल कुमार ने बताया कि बीते वर्ष नवंबर के प्रथम सप्ताह तक 10 वीं तथा 12 वीं की कक्षाएं चलीं. इसके बाद 15 जनवरी डेढ़ माह तक ऑन लाइन स्मार्ट क्लास द्वारा क्रैश कोर्स कराया गया.10वीं बोर्ड कांटेस्ट करायेगये. बिलकुल असल परीक्षा की तरह जिसमें 5,700 बच्चों ने भाग लिया. इसी टेस्ट में तीसरे स्थान पर आये शिवम ने बिहार 10 वीं बोर्ड के स्टेट टॉपर में अपनी जगह बनायी. बिहार 10वीं बोर्ड में टॉप 10 बच्चों का प्रतिशत 88 रहा, जबकि टॉप 30 बच्चों ने 85 प्रतिशत अंक हासिल किये.

बोले शिक्षक- पहले दिक्कत हुई फिर हो गया सहज

अर्थशास्त्र के शिक्षक राकेश ठाकुर ने कहा कि कक्षाओं में पढ़ाना और कैमरे के सामने देखकर पढ़ाने में पहले तो काफी अलग तरह का महसूस हुआ. दिक्कतें आयीं, बच्चे सामने नहीं हैं और वे समझ भी पा रहे हैं या नहीं, कोई फीड बैक तत्काल नहीं मिल रहा था. साथ ही कैमरे के सामने बोलने की आदत भी नहीं थी. धीरे-धीरे प्रयास से यह सब संभव हुआ. शिक्षिका गुंजन भारती ने कहा कि कैमरे के सामने बोलने में दिक्कत हुई. फिर घर में आइने के सामने बोलने का प्रयास किया. हंसी भी आती थी. सब्जेक्ट की चीजों पर से ध्यान हट जाता था. घर के अन्य सदस्यों का भी सहयोग मिला. अभ्यास करते-करते बहुत कुछ सीखा. अब परेशानी नहीं होती है. शिक्षिका एवं कंटेंट टीम की सदस्य शगूफा फिरदौस ने बताया कि बच्चों के बीच क्लास को वर्चुअली प्रस्तुत करने के लिए पूर्व में ही कई तरह की तैयारियां करनी पड़ती हैं.पढ़ाने के एक दिन पूर्व संबंधित विषय के लिए कंटेंट तथा पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन मेटेरियल तैयार करना पड़ता है, जिससे लाइव कक्षा के दौरान बच्चों को विषय वस्तु समझने-समझाने में सहूलियत होती है.

इंजीनियरिंग व मेडिकल की भी तैयारी करायी जाएगी : डीएम

डीएम कुंदन कुमार ने बताया कि उन्नयन लाइव क्लास से कोई भी मोबाइल, टीवी अथवा स्कूल की कक्षा में कहीं से भी जुड़ सकता है. पठन-पाठन को आकर्षक बनाने के लिए मल्टीमीडिया, एनीमेशन, 3डी सभी का समावेश किया जाता है. जिले के 265 उच्च विद्यालयों के अलावा किशनगंज में भी 142 स्कूलों में इससे जुड़कर कक्षाएं चलायी जा रही हैं. हाल ही में इंजीनियरिंग एवं मेडिकल की तैयारी के लिए बच्चों का इंट्रेंस टेस्ट लिया गया है. इसके बाद उनके लिए ग्रुप बनाकर इंजीनियरिंग तथा मेडिकल के लिए तैयारी करायीजाएगी. इसके लिए राजस्थान कोटा आदि जगहों में अपनी सेवाएं दे चुके प्रतिष्ठित इंस्टिट्यूट के टीचर्स ने अपनी सहमति दी है. उन्नयन क्लासेज के लिए सोशल मीडिया पर इसका व्यूअरशिप 11. 7 मिलियन पाया गया है.

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