Samastipur News:अब स्कूलों में होंगे तंबाकू मॉनिटर

तंबाकू सेवन के कारण हर साल लाखों लोगों को जान गंवानी पड़ती है.

By ABHAY KUMAR | July 9, 2025 6:56 PM
an image

Samastipur News: समस्तीपुर : तंबाकू सेवन के कारण हर साल लाखों लोगों को जान गंवानी पड़ती है. सरकार की कोशिश देश के सभी शिक्षण संस्थानों को तंबाकू मुक्त करने की है ताकि युवा तंबाकू सेवन से दूर रह सके. इसी उद्देश्य से स्कूलों में शिक्षक हो या छात्र तंबाकू उत्पाद का सेवन नहीं करे यह देखना अब तंबाकू मॉनिटर की जिम्मेदारी होगी. प्रदेश के सभी शिक्षण संस्थानों स्कूल या कॉलेज में तंबाकू उत्पादों के इस्तेमाल पर प्रभावी रोक लगाने के लिए तंबाकू मॉनिटर बनाये जायेंगे, जो शिक्षण संस्थान में गाइडलाइन की पालना करायेंगे. स्कूल में तंबाकू मॉनिटर कक्षा 9 से 12 तक छात्रों को बनाया जायेगा. मॉनिटर का नाम, पदनाम और संपर्क क्रमांक स्कूल के बोर्ड पर लगाया जायेगा. साथ ही स्कूलों व अन्य शैक्षणिक संस्थानों में शिक्षकों एवं कर्मचारियों के बीच से तीन या इससे अधिक व्यक्तियों को इसके लिए प्राधिकृत किया जायेगा. ये ऐसे लोग होंगे जो स्वयं तंबाकू का उपयोग नहीं करते हों. राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम कोटपा एक्ट के अंतर्गत सभी सरकारी व निजी शैक्षणिक संस्थानों, मेडिकल कॉलेजों के 100 गज के दायरे के भीतर आने वाले क्षेत्र में सिगरेट एवं अन्य तंबाकू उत्पादों की बिक्री पर प्रतिबंध होगा. इसके लिए संस्थान की चारदीवारी से 100 गज की दूरी पर पीली रेखा चिह्नित करते हुए तंबाकू मुक्त क्षेत्र लिखने का आदेश दिया गया है. निजी विद्यालय के बसों में ड्राइवर व खलासी भी बस में तंबाकू का सेवन नहीं करेंगे. शिक्षण संस्थानों को गाइडलाइन की पालना करते हुए स्वयं का मूल्यांकन भी करना होगा. ऐसे स्कूल जिन्हें 90 फीसदी से अधिक अंक मिलते हैं उन्हें केंद्र सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा पुरस्कृत किया जायेगा. इसी प्रकार किसी शिक्षक कर्मचारी या अन्य व्यक्ति का तंबाकू का उपयोग छुड़वाने की स्थिति में उसे भी सम्मानित किया जायेगा.

तंबाकूमुक्त नहीं हो सका स्कूल के आसपास का परिसर

शिक्षा विभाग से निर्देश के बाद भी विद्यालय के आसपास का परिसर तंबाकू मुक्त नहीं हो सका. कई सरकारी स्कूलों में शिक्षक ही गुटखा और तंबाकू खा रहे हैं. स्कूल के आसपास खुली दुकानों में स्टेशनरी बेचने के नाम पर गुटखा और तंबाकू बिक रहा है. प्रखंड के सरकारी व गैरसरकारी शिक्षण संस्थानों को तंबाकू से मुक्त करने के आदेश दीवार लेखन तक सिमट कर रह गया. सरकार ने फरमान तो जारी कर दिया लेकिन ऐसी दुकानों को हटाने के लिए कोई कार्रवाई प्रशासनिक स्तर पर नहीं की गई. स्कूल परिसर में कोई भी बाहरी व्यक्ति, कर्मचारी और छात्र तंबाकू पर्दांथो का सेवन करते पाए गए तो संबंधित पर कार्रवाई की जाएगी. लेकिन अधिकांश स्कूलों में शिक्षक ही तंबाकू का सेवन करते हैं. शिक्षक छात्रों को रोकते हैं और न ही उनके अधिकारी अपने शिक्षक पर कोई कार्रवाई करते हैं. परिसर में तंबाकू मुक्त क्षेत्र और मुख्य गेट पर 100 गज के दायरे में तंबाकू पदार्थाें की बिक्री पर प्रतिबंध चेतावनी लिखाया जाना था. लेकिन यह कुछ ही स्कूल में दिखती है. एचएम डा. ललित कुमार घोष बताते हैं कि तंबाकू के खतरों से आगाह करने में टॉप 5 राज्यों में बिहार के स्कूल भी हैं. सूबे के 39.4 फीसदी स्कूलों में बच्चों को तंबाकू के दुष्प्रभाव के बारे में बताया गया और इसका असर भी बच्चों पर पड़ा. हालांकि, अब भी 60 फीसदी से अधिक स्कूलों में इसे लेकर लापरवाही है. जिले में यह आंकड़ा लगभग 43 फीसदी है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें

यहां समस्तीपुर न्यूज़ (Samastipur News), समस्तीपुर हिंदी समाचार (Samastipur News in Hindi),ताज़ा समस्तीपुर समाचार (Latest Samastipur Samachar),समस्तीपुर पॉलिटिक्स न्यूज़ (Samastipur Politics News),समस्तीपुर एजुकेशन न्यूज़ (Samastipur Education News),समस्तीपुर मौसम न्यूज़ (Samastipur Weather News)और समस्तीपुर क्षेत्र की हर छोटी और बड़ी खबर पढ़े सिर्फ प्रभात खबर पर .

होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version