सीतामढ़ी. आपातकाल की 50वीं वर्षी पर जेपी सेनानियों के संगठन ””””””””74 के लोग”””””””” के तत्वावधान में नगर के लोहिया आश्रम में बैठक का आयोजन किया गया. इसकी अध्यक्षता संगठन के संयोजक डॉ रमाशंकर प्रसाद ने किया. बैठक में आज के दिन को लोकतंत्र के लिए काला दिवस बताया गया. वक्ताओं ने कहा कि जनतांत्रिक शासन जिस लोकशक्ति के बल पर चलता है, उसको राजशक्ति से दबाने का यह प्रयास था. अंततः यह प्रयास सफल नहीं हो सका और जयप्रकाश आंदोलन ने लोकशक्ति की विजय सुनिश्चित की. शासन को आपातकाल की समाप्ति के लिए मजबूर होना पड़ा और उसके बाद हुए चुनाव ने आपातकाल लागू करने वाली सत्ता को बेदखल कर इसके औचित्य को नकार दिया. आज आपातकाल का अनौचित्य सिद्ध हो चुका है जो एक सबक के रूप में रह गया है. बड़ा सवाल यह बाकी है कि भारतीय लोकतंत्र उस कालखंड के सबक से क्या सीखा? क्या वह नागरिक बोध बन सका जो एक प्रभावी लोकशक्ति के लिए आवश्यक है. इसका उत्तर नकारात्मक है. इस बैठक में प्रमुख जेपी सेनानी नागेंद्र प्रसाद सिंह, डॉ ब्रजेश कुमार शर्मा, विमल शुक्ला, ईश्वर चंद्र मिश्र, तेजनारायण यादव, सुरेश लोहिया सीताराम सर्वहारा, रमेश कुमार, भाई रघुनाथ, गौरी शंकर शास्त्री, प्रो उमेश चंद्र झा, अरूण कुमार श्रीवास्तव, कौशल किशोर सिंह, रामसंजीवन सिंह, अद्भुत झा, शशिधर शर्मा, कृष्णमोहन मिश्र, ध्रुव कुमार मिश्र, राजन गुप्ता, रामबालक साह, अरुण गोप, सुरेंद्र पटेल, सुरेंद्र हाथी, नमोनाथ शाही, रमेश कुमार सिंह, डॉ शशिरंजन कुमार समेत अन्य कई लोग मौजूद रहे.
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