Bihar: एक प्रत्याशी ऐसा भी, नौकरी से हुए निलंबित, उपचुनाव में उतरे, फिर बन गए MLC
Bihar: शिक्षक से नेता बने ब्रजवासी शिक्षकों के अधिकारों को लेकर चर्चा में रहे हैं. उन्हें शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव रहे केके. पाठक ने नौकरी से निलंबित कर दिया था.
By Prashant Tiwari | December 11, 2024 8:25 AM
Bihar: बिहार विधान परिषद की तिरहुत स्नातक निर्वाचन क्षेत्र पर हुए उप चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी और शिक्षक नेता वंशीधर ब्रजवासी ने राजनीतिक दलों के गणित को गलत साबित करते हुए सभी को धूल चटा दी. निलंबित शिक्षक के रूप में अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत करने वाले ब्रजवासी ने प्रथम वरीयता के मतों की गिनती से ही बढ़त बनाई, जो अंत तक कायम रही. इस चुनाव में जन सुराज के विनायक गौतम को दूसरे स्थान पर संतोष करना पड़ा. जबकि, राजद के गोपी किशन और जदयू के अभिषेक झा तीसरे और चौथे स्थान पर रहे. जीत दर्ज करने के बाद ब्रजवासी ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि यहां मैं नहीं सभी शिक्षक और लोग चुनाव लड़ रहे थे. यह सभी लोगों की जीत है.
केके. पाठक ने ब्रजवासी को कर दिया था निलंबित
शिक्षक से नेता बने ब्रजवासी शिक्षकों के अधिकारों को लेकर चर्चा में रहे हैं. उन्हें शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव रहे केके. पाठक ने नौकरी से निलंबित कर दिया था. वह नौकरी से हटने के बाद उपचुनाव में कूद गए. वंशीधर शिक्षकों और स्नातकों के अधिकारों की लड़ाई को अपनी पहली प्राथमिकता बताते हैं. ब्रजवासी ने कहा कि वह सरकार को इसलिए धन्यवाद देना चाहेंगे क्योंकि अगर सरकार ने उन्हें नौकरी से बर्खास्त नहीं किया होता तो आज वह एमएलसी नहीं बनते. सरकार ने कार्रवाई की तभी शिक्षक गोलबंद हुए और उसका नतीजा सामने है.
मैं नहीं ये लोग हैं जीत के नायक
उन्होंने कहा, “सरकारी तंत्रों की तानाशाही के खिलाफ संघर्ष, चाहे वह शिक्षक कर रहा हो, पत्रकार कर रहा हो, संविदा कर्मी कर रहा हो या पंचायत में काम कर रहे लोग कर रहे हों, उनकी एकजुटता इस जीत का कारण है और वही नायक भी हैं. उनकी कोशिश रहेगी, उनके इस संघर्ष को मुकाम तक पहुंचाने में सहायक बनें.” बता दें तिरहुत स्नातक सीट जदयू नेता देवेश चंद्र ठाकुर के सांसद बनने के बाद खाली हुई थी. इस उप चुनाव में कुल 18 उम्मीदवार मैदान में उतरे थे.