UPSC 2022 Topper: पिता की मौत के बाद शुरू हुआ गरिमा का संघर्ष, जानें बिहार की बेटी को कैसे मिली सफलता
UPSC 2022 Topper: इस साल के UPSC की परीक्षा में पूरे देश में दूसरा स्थान पाने वाली बिहार के बक्सर जिले की गरिमा लोहिया की सफलता के पीछे उसका एक लंबा संघर्ष है. UPSC की परीक्षा में गरिमा ने पूरे भारत में दूसरा स्थान लाकर राज्य का मान बढ़ाया है. गरिमा लोहिया बक्सर जिले की रहने वाली है.
By Prabhat Khabar Digital Desk | May 23, 2023 4:10 PM
UPSC 2022 Topper: इस साल के UPSC की परीक्षा में पूरे देश में दूसरा स्थान पाने वाली बिहार के बक्सर जिले की गरिमा लोहिया की सफलता के पीछे उसका एक लंबा संघर्ष है. UPSC की परीक्षा में गरिमा ने पूरे भारत में दूसरा स्थान लाकर राज्य का मान बढ़ाया है. गरिमा लोहिया (Garima Lohia) बक्सर जिले की रहने वाली है. वह तीन भाई-बहनों में दूसरे स्थान पर है. बता दें कि गरिमा के पिता नहीं है. साल 2015 में उनका निधन हो गया था. UPSC Topper के पिता एक व्यवसाई थे.
गरिमा ने बक्सर से की दसवीं तक की पढ़ाई
पिता की मौत के बाद गरिमा की मां ने ही पूरे परिवार और तीन बच्चों को संभाला है. गरिमा की बड़ी बहन की शादी एक साल पहले हुई है. जबकि, गरिमा से छोटा उनका एक भाई है. गरिमा लोहिया की दसवीं तक की शिक्षा उनके गृह जिला बक्सर में हुई थी. इसके बाद वह आगे की पढ़ाई के लिए बनारस और फिर दिल्ली चली गईं. दिल्ली के किरोड़ीमल कॉलेज से उन्होंने स्नातक की पढ़ाई की है. इसके बाद वह वापस बिहार आई थी.
साल 2020 में कोविड के प्रकोप के कारण गरिमा को वापस बक्सर लौटना पड़ा था. इसके बाद उन्होंने घर से ही यूपीएससी की पढ़ाई शुरू की और फिर बक्सर में रहकर देश की सर्वोच्च परीक्षा में दूसरा स्थान हासिल किया है. आयोग की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार, इशिता किशोर ने सिविल सेवा परीक्षा 2022 में टॉप किया है. इशिता ने ऑल इंडिया रैंक वन पाकर देश में पहला स्थान पाया है. वहीं, दूसरे स्थान पर बिहार की बेटी गरिमा लोहिया हैं. बता दें कि गरिमा को उनके संघर्ष की वजह से ही सफलता मिली है.
घर पर रहकर की परीक्षा की तैयारी
बता दें कि गरिमा को अपने पहले प्रयास में सफलता नहीं मिली थी. लेकिन, दूसरे प्रयास में इन्हें सफलता मिली. कोविड काल में इन्होंने UPSC की तैयारी करने का मन बनाया था. प्रभात खबर से खास बातचीत में गरीमा ने बताया कि घर पर रहकर ही इन्होंने परीक्षा की तैयारी की. खुद से किताबें पढ़कर और ऑनलाइन मैटेरियल के जरिए उन्होंने यह सफलता हासिल की है. गरिमा बताती है कि उन्होंने कोई टाइम टेबल देखकर तैयारी नहीं की है. किसी दिन आठ से नौ घंटे तो किसी दिन दो घंटे तैयारी की. गरिमा बताती है कि स्ट्रैटजी बनाकर तैयारी कर कामयाबी हासिल की जा सकती है.